अररिया जिले के किसानों ने अपनाया नया तरीका, कुम्भ खरीदकर मुरब्बा बनाने से हो रही अच्छी कमाई
किसान अब केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर नहीं रहकर सब्जियों की खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके. लौकी, कद्दू, खीरा, टमाटर, फूल, और कुम्भ गोभी जैसी सब्जियां अब अररिया के किसानों के लिए ...और पढ़ें

अररिया जिले के गांव घर में कुम्भ खरीद कर कटिहार में बनाते हैं मुरब्बा कर लेते है
दिलखुश कुमार झा/ अररिया: जिले में समय के साथ किसान अपनी पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलते हुए नई-नई तकनीकों की ओर रुख कर रहे हैं. किसान अब केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर नहीं रहकर सब्जियों की खेती पर भी ध्यान दे रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके. लौकी, कद्दू, खीरा, टमाटर, फूल, और कुम्भ गोभी जैसी सब्जियां अब अररिया के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही हैं. खासकर खीरे की खेती ने किसानों के लिए अच्छा मुनाफा देने का एक साधन बन गया है, क्योंकि इसकी बाजार में भारी मांग है.
अब्दुल कादिर का सफल व्यापार मॉडल
अररिया जिले के हारे गांव के निवासी अब्दुल कादिर ने अपने व्यापार से सबको प्रभावित किया है. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि वे कुम्भ को करीब 20 से 25 रुपये प्रति नग खरीदते हैं और उसे कटिहार ले जाकर मुरब्बा बनाते हैं. इस प्रक्रिया से उन्हें अच्छा मुनाफा होता है. अब्दुल कादिर प्रतिदिन अररिया के गांवों से लगभग 150 से 200 कुम्भ खरीदकर कटिहार ले जाते हैं.
संघर्ष से सफलता की ओर
अब्दुल कादिर ने लोकल 18 को बताया कि उनका जीवन पहले काफी संघर्षपूर्ण रहा. उनके पारिवारिक आर्थिक हालात अच्छी नहीं थे, लेकिन उन्हें व्यापार करने का शौक था. पारिवारिक हालात को सुधारने के लिए उन्होंने अपने शौक को पेशे में बदलने का निर्णय लिया. उन्होंने पारंपरिक कामकाज को छोड़कर नया व्यवसाय शुरू किया, जो उन्हें कम समय में अधिक मुनाफा देने वाला साबित हुआ. इस सफलता की कहानी ने अररिया जिले के अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है कि वे पारंपरिक खेती के साथ-साथ नए और लाभकारी व्यवसायों की ओर भी ध्यान दें.