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गंगा नदी के जलस्तर में लगातार आ रही कमी, दाह-संस्कार में हो रही दिक्कत, हुआ डायरिया विस्फोट

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बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है, जिससे एक ओर कटाव की समस्या बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है. अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की संख्या ...और पढ़ें

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बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है, जिससे एक ओर कटाव की समस्या बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है. अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे इलाके में संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना और बढ़ गई है.

हाल ही में वरुण गांव से दर्जनों लोग सदर अस्पताल में डायरिया का इलाज कराने पहुंचे, जिससे स्पष्ट हो गया है कि जलस्तर घटने के साथ-साथ यह समस्या भी गंभीर होती जा रही है. चिकित्सकों ने इस स्थिति में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है.

गंगा का घटता जलस्तर और बढ़ती चुनौतियां

पिछले चार दिनों तक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता रहा, लेकिन बुधवार सुबह से प्रति घंटे एक सेंटीमीटर पानी घटने लगा. गुरुवार को यह घटने की रफ्तार बढ़कर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गई. इससे बाढ़ की आशंका से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन गंदगी और सिल्ट से अब लोगों को नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

तटवर्ती इलाकों में घाटों पर सिल्ट और कचरे की मौजूदगी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. मच्छरों के बढ़ने की वजह से मच्छर जनित रोगों का डर भी बना हुआ है.

फिलहाल, जिला प्रशासन के लिए जरूरी है कि वह सिल्ट को हटाने के साथ-साथ फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव सुनिश्चित करे, ताकि मच्छरों और संक्रमण से बचाव किया जा सके.

दाह संस्कार में बढ़ी परेशानी

गंगा नदी का जलस्तर घटने से बक्सर के श्मशान घाट पर दाह-संस्कार में भी कठिनाइयां बढ़ गई हैं. पानी घटने के बावजूद घाट पर दलदल की स्थिति बनी हुई है, जिसे सूखने में काफी समय लगेगा. बक्सर श्मशान घाट पर जिले के अलावा भोजपुर, रोहतास और कैमूर से भी बड़ी संख्या में लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं.

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हर दिन 100 से ज्यादा शवों का दाह-संस्कार यहां किया जाता है. जगह की कमी के कारण बारी-बारी से शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. शवों के अवशेष को विसर्जित करने में भी कठिनाइयां हो रही हैं.

बक्सर और इसके आसपास के क्षेत्रों, जैसे चौसा, अहिरौली, केशोपुर, ढाबी और नैनिजोर में बाढ़ का पानी जमा रहने से सड़न की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है.

विशेषज्ञों की सलाह

चिकित्सक डॉ. दिलशाद आलम ने लोकल 18 को बताया कि गंगा का जलस्तर घटने के साथ-साथ घाटों पर गंदगी और बदबू की समस्या बढ़ गई है, जिससे डायरिया और मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने लोगों से साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की है और उम्मीद जताई है कि प्रशासन नियमित रूप से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करेगा.

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गंगा नदी के जलस्तर में लगातार आ रही कमी, हुआ डायरिया विस्फोट
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