गाय भैंस की गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल कैसे करें, जानें पशु रोग विशेषज्ञ से तरीका
गर्भावस्था में पशुओं की खास देखभाल की जरूरत होती है, गर्भकाल के दौरान किन बातों का ख्याल रखना है इसको लेकर कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के पशु रोग विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार ने लोकल 18 से बातचीत की है.

पशु रोग विशेषज्ञ डॉ विपिन कुमार जानकारी देते हुए
बेगूसराय: देशभर में कोरोना के चलते बहुत सारे काम प्रभावित हुए हैं, पशुपालन भी उन्हीं में एक है. गाय-भैंस पालन में बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है, खास कर गर्भावस्था में खास ख्याल रखना होता है, थोड़ी सी लापरवाही से बहुत नुकसान हो सकता है. इसलिए किसान भाई बच्चा देने वाले पशुओं का अधिक ध्यान रखते हैं.
बिहार के अधिकतर किसानों को जानकारी नहीं होती है. किसानों को इसकी जानकारी उपलब्ध करने के लिए बिहार में कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग बिहार सरकार और सुधा डेयरी लगातार प्रयास करते आ रही है. लेकिन फिर भी किसानों तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में बच्चे देने वाले पशुओं के गर्भावस्था के दौरान कैसे करें उचित प्रबंधन इसकी जानकारी लोकल 18 पर कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के पशु रोग विशेषज्ञ ने साझा की है.
गर्भावस्था के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर, बेगूसराय के पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन कुमार ने बताया गर्भवती पशु के रखने के स्थान पर 2 से 3 मीटर की दूरी में दूसरा कोई भी पशु नहीं होना चाहिए. पशु रखने के स्थान पर चारा और पानी की व्यवस्था हमेशा हो. इसके साथ ही भूमि हमेशा समतल ही होना चाहिए. इसके अलावा बच्चा के लिए 5 दिनों की व्यवस्था अलग से हो. इसका पहले से ही ख्याल रखना पड़ता है.
ज्ञात हो कि पशुपालन व्यवसाय के लिए गाय या भैंस को हर 12-14 महीने बाद ब्याना चाहिए और लगभग 10 महीने तक दूध भी देना चाहिए. यदि पशु ब्याने के बाद समय से जेर नहीं गिराए तो घबराना नहीं चाहिए. और न ही किसी अनुभवहीन व्यक्ति से जेर बाहर निकलवानी चाहिए. इसके लिए आप नजदीकी प्रखंड पशु रोग विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं .