आंख की रोशनी हो गई है कमजोर, तो बिहार में पहुंचे यहां, बिना ऑपरेशन इतने रुपए में हट जाएगा चश्मा
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आंख की रोशनी हो गई है कमजोर, तो बिहार में पहुंचे यहां, बिना ऑपरेशन इतने रुपए में हट जाएगा चश्मा

अगर आपके बच्चों की आंखों पर भी चश्मा लगा है और इस चश्मे से परेशान हो गया है. तो इधर उधर भटकने की कोई जरूरत नहीं है. बिहार के इस शहर में पहुंच जाइए, जहां पर सस्ते दामों में बच्चों की आंखों से चश्मा हटा दिया जायेगा. आईजीआईएमएस के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ आप्थलमोलॉजी में यह सुविधा बहाल हो गई है.

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विभाग के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने Local 18 को बताया कि बच्चों के अंदर मायोपिया की बीमारी हो जाती है. इस वजह से उन्हें दूर की वस्तु देखने में दिक्कत आती है. आईजीआईएमएस में सस्ते दरों में तीन तरीके से चश्मा हटाया जाता है.

डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा अगर कोई बच्चा मायोपिया की वजह से चश्मा लगाता है और उसकी उम्र 18 साल से अधिक और पावर स्थिर होना चाहिए. 18 साल तक बच्चों की आंखों का पावर घटता-बढ़ता रहता है. ऐसे बच्चों की आंखों से चश्मा तीन तरीके लेसिक (लेजर) सर्जरी, आईसीएल लेंस लगाकर या क्लीयर लेंस एक्सट्रैक्शन से हटाया जाता है.

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यहां लेजर से चश्मा हटाने के लिए प्रति आंख नौ हजार रुपए लगते हैं. जबकि प्राइवेट अस्पताल में प्रति आंख करीब 30 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. वहीं आईसीएल लेंस का खर्च 15 हजार से एक लाख रुपए तक हो सकता है. यह लेंस पर निर्भर करता है.

डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा का कहना है कि बचपन में स्क्रीन टाइम बढ़ने, आउटडोर गेम्स की कमी और खानपान में गड़बड़ी की वजह से बच्चों में मायोपिया की बीमारी लगातार बढ़ रही है. 10 साल में मायोपिया पीड़ित बच्चों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. मायोपिया होने पर दूर की वस्तु देखने में बच्चों को दिक्कत होने लगती है. क्लास में बोर्ड पर लिखे शब्द भी साफ नहीं दिखाई देते हैं.

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ऐसे में पावर चश्मे की जरूरत पड़ती है. इससे बचने के लिए बच्चों को स्क्रीन (मोबाइल, लैपटॉप, टीवी) का इस्तेमाल कम करना होगा. आउटडोर एक्टिविटीज बढ़ानी होगी और खानपान को ठीक करना होगा.

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    आंख की रोशनी हो गई है कमजोर, तो बिहार में पहुंचे यहां, बिना ऑपरेशन इतने रुपए में हट जाएगा चश्मा

    विभाग के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने Local 18 को बताया कि बच्चों के अंदर मायोपिया की बीमारी हो जाती है. इस वजह से उन्हें दूर की वस्तु देखने में दिक्कत आती है. आईजीआईएमएस में सस्ते दरों में तीन तरीके से चश्मा हटाया जाता है.

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