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80 साल की उम्र में हाई है जोश...केरल से छपरा आकर दो हजार महिलाओं को बना दिया आत्मनिर्भर

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आज से 23 वर्ष पूर्व मिशनरी समाज से जुड़ी ज्योति दीदी केरल से छपरा आई थीं. यहां आने के बाद सबसे पहले उन्होंने महिलाओं का समूह बनाया. उन्हें प्रतिदिन एक-एक रुपए जमा करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद महिलाएं पैसा...और पढ़ें

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अपना प्रोडक्ट बनातीं महिलाएं.

छपरा. जिस उम्र में महिलाएं घर के छोटे-छोटे बच्चों के बीच बैठकर समय व्यतीत करती हैं, उस उम्र में भी छपरा जिले की ज्योति दीदी इलाके की गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बना रही हैं. यही कारण है कि 80 वर्ष की ज्योति दीदी पिछले 23 वर्षों में 2 हजार से अधिक महिलाओं को स्वावलंम्बी बना चुकी हैं. दीदी से जुड़ी महिलाएं यहीं से प्रशिक्षण लेकर साबुन, सर्फ, अगरबत्ती सहित अन्य कई तरह का प्रोडक्ट तैयार करती हैं. अब तो उस प्रोडक्ट की मार्केट में भी खूब डिमांड है. इसमें सदर और गरखा प्रखंड की अधिकांश महिलाएं हैं.

23 वर्ष से निःस्वार्थ सेवा कर रहीं ज्योति दीदी
आज से 23 वर्ष पूर्व मिशनरी समाज से जुड़ी ज्योति दीदी केरल से छपरा आई थीं. यहां आने के बाद सबसे पहले उन्होंने महिलाओं का समूह बनाया. उन्हें प्रतिदिन एक-एक रुपए जमा करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद महिलाएं पैसा जमा करने लगी. रुपए जमा होने पर समूह की ही किसी महिला को रोजगार करने के लिए 2 रुपए ब्याज पर पैसा दे दिया करती थीं. इससे उन महिलाओं को साहूकारों का चक्कर नहीं काटना पड़ा. इसके बाद एक-एक कर महिलाओं ने समूह से पैसा लेकर रोजगार करना शुरू कर दिया. पहले किराना दुकान, मिठाई बनाने का काम शुरू किया. इसके बाद ज्योति दीदी ने महिलाओं को अपना प्रोडक्ट बनाने का प्रशिक्षण दिलाया.

दीदी के संपर्क में आने के बाद बदल गई जिंदगी
जिले के डोरीगंज निवासी विमल देवी ने बताया कि वह पहले खेत में या किसी के पास जाकर मजदूरी करती थी. लेकिन, सालोंभर काम नहीं मिलने की वजह से अधिकांश समय घर पर ही बैठना पड़ता था. इससे घर चलाने में भी काफी परेशानी होती थी. लेकिन ज्योति दीदी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने कई तरह का प्रोडक्ट तैयार करने का प्रशिक्षण लिया. अब वह खुद से भी इसे तैयार कर लेती है. जिसे बेचकर घर का खर्च निकालती है. उन्होंने बताया कि अभी वह साबुन, अगरबत्ती और सर्फ बना रही हैं. दूसरी ओर, ज्योति सिस्टर ने बताया कि उनकी उम्र 80 पार है. जिंदगी के अंतिम पड़ाव तक महिलाओं को स्वालंबी बनाने का करते रहेगी.

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80 साल की उम्र में हाई है जोश! केरल से आकर दो हजार महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
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