'जब मेरी मां को गाली दी जा सकती है तो बिहार की मां-बेटियां कितनी सुरक्षित', तेजस्वी पर बरसे चिराग पासवान
Chirag Paswan Statement: पहले फेज के चुनाव पर चिराग पासवान ने कहा कि राहुल गांधी को अभी तक फुर्सत नहीं मिली है. उनके यहां आने के पहले ही पहले चरण का चुनाव हो गया. वाम दल के भी कोई बड़े नेता यहां नहीं आए हैं.

पटना/जमुई. तेजस्वी यादव की चुनावी जनसभा में सांसद चिराग पासवान की मां को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. मां को लेकर की गई टिप्पणी और बोले गए अपशब्द से सांसद चिराग पासवान काफी आहत हैं. चिराग ने पटना में कहा कि तेजस्वी की सभा में गाली की बात मेरे लिए सेंसिटिव मैटर है. मेरे परिवार के लोगों को गाली दी जा रही है. ना किसी नेता के लिए, ना किसी आम जनता और ना किसी इंसान के लिए ऐसी अभद्र भाषा की कोई गुंजाइश है.
चिराग ने कहा कि मैं मानता हूं कि मर्यादित शब्दों में रहकर आप विरोध दर्ज कर सकते हैं. शब्दों की मर्यादा को राजनीति में रखना जरूरी है और खास करके यह जिम्मेदारी हम जैसे युवाओं पर और बढ़ जाती है जो जिनको बड़ी आबादी अपना आदर्श मानती है. ऐसे में हम लोगों का आचरण बहुत मायने रखता है. चिराग ने कहा कि आप उस पर कार्रवाई करने की बजाय या कोई कड़ा वक्तव्य देने की बजाय कहते हैं कि मैंने सुना नहीं. आप क्या कहते हैं कि यह छोटी बातों को तुल नहीं देना चाहिए, खून खौलता है ऐसी बातों से मेरा.
चिराग ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी बातों से हर बेटे और बेटी का खून खौलेगा. अगर किसी की भी मां को इस तरह से गाली दी जाए किसी के भी साथ यह घटना होगी हर किसी का खून खौलेगा. फिर भी मैं बहुत संयमित तरीके से अपनी बातों को रख रहा हूं. चिराग ने कहा कि इसको ढ़ंकने का प्रयास किया जाए यह आपकी मानसिकता को दर्शाता है. वही जंगलराज यानी 90 का दशक याद आने लग गया है, जिस वजह से हमारे प्रदेश से बड़े स्तर पर पलायन हुआ था. ये अगर उसी जंगलराज की परछाई नहीं तो और क्या है.
जमुई सांसद ने कहा कि आज असामाजिक तत्वों में इतनी हिम्मत है कि तेजस्वी यादव के सामने चिराग पासवान के परिवार को गाली दी जाती है और वह कुछ नहीं बोलते हैं. सोचिए उस व्यक्ति की हिम्मत कितनी बढ़ेगी जब वो गांव में जाएगा, देहात में जाएगा. जब चिराग पासवान की मां के बारे में अपशब्द बोलने में उसका कुछ नहीं हुआ तो गांव की महिलाओं के साथ वो क्या हरकत करेगा, यही जंगलराज है जिसकी आहट अभी ही सुनाई देने लग गई है. दुख मुझे इस बात का जरूर है कि तेजस्वी मेरा छोटा भाई है और ये उन्हीं के सामने हुआ.
चिराग ने कहा कि राबड़ी देवी जी मेरी मां हैं. मेरे सामने अगर उनके लिए, मेरी बहन मीसा के लिए, रोहिणी के लिए कुछ कहता तो मैं जरूर जबाव देता, यही नहीं किसी भी हिंदुस्तानी के लिए कोई कुछ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है तो मैं वहीं मुंहतोड़ जवाब देता. नवरात्रि के आखिरी दिन मातृशक्ति को गाली देने का काम करना यह उनके संस्कारों को दिखा रहा है राजद के कल्चर को दिखा रहा है.