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Stem Cell: दूध वाले दांत से भविष्य की मुस्कान सुरक्षित रखने का प्रयास, नकली दांत लगवाने का झंझट होगा खत्म
श्वेता सिंह, अमर उजाला ब्यूरो, रोहतक (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Fri, 12 Apr 2024 08:15 AM IST
सार
रोहतक की पीएचडी स्कॉलर पूजा यादव बच्चों के दांतों की स्टेम सेल एकत्रित कर रहीं हैं। इन कोशिकाओं को संरक्षित करके भविष्य में दांत खराब होने पर फिर से किसी भी उम्र में उगाया जा सकता है।
हरियाणा के रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) की पीएचडी स्कॉलर पूजा यादव दूध वाले दांत की स्टेम सेल (मूल कोशिका) से भविष्य की मुस्कान बचाने पर शोध कर रही हैं। पूजा का दावा है कि डेंटल स्टेम सेल तकनीक से किसी भी उम्र में प्राकृतिक तरीके से दांत उगाये जा सकेंगे। इससे भविष्य में नकली दांत लगवाने का झंझट ही खत्म हो जाएगा।
अक्सर खराब लाइफ स्टाइल के कारण हम दांतों को खो देते हैं। दांतों में इनेमल (दांत का ऊपरी हिस्सा) शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा होता है, जो कोल्ड ड्रिंक्स या बिना देखभाल और जेनेटिक कारणों से खराब हो जाता है। एक बार दांत खो जाएं तो फिर आम तौर पर नकली दांत लगवाने पड़ते हैं या कैपिंग करवानी पड़ती है। आजकल युवाओं में ये समस्या आम हो गई है। पूजा का दावा है कि इसका एक समाधान डेंटल स्टेम पल्प सेल भी है। इससे दांत फिर से उग आते हैं, चाहे उम्र कोई भी हो।
बच्चों के टूटे दांत एकत्र कर रही हैं पूजा
पूजा ने बताया कि वह बच्चों के दूध के दांतों से उनके स्टेम सेल्स (मूल कोशिकाओं) को एकत्रित कर रही हैं। इन कोशिकाओं को संरक्षित करके भविष्य में दांत खराब होने पर फिर से किसी भी उम्र में उगाया जा सकता है। यह एक क्लीनिकल प्रोसेस होगा। दावा किया कि उनका अध्ययन बच्चों के टूटे दांतों की मदद से भविष्य की मुस्कान सुनिश्चित करेगा।
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क्या होती हैं स्टेम कोशिकाएं
स्टेम सेल को मूल कोशिकाओं के नाम से भी जाना जाता है। ये ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कौशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता होती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।
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हादसे या बीमारी से खराब दांत भी उगा सकेंगे
पूजा ने बताया कि दांत खराब होने के कई कारण हैं। इनमें कोल्ड ड्रिंक्स, शुगर प्रोड्क्टस की अधिकता, दांतों की नियमित रूप से देखभाल न करना, बदलती दिनचर्या आदि शामिल है। इसके अलावा जेनेटिक कारणों से भी कई लोगों के दांत खराब हो जाते हैं। हादसों में भी लोग दांतों को खो देते हैं। इसके अलावा अगर कोई बीमारी से भी दांत खराब हो जाए ताे उसे भी दोबारा से उगाने के लिए संरक्षित कर रखी गई डेंटल स्टेम सेल काम आ सकेगी।
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