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कोसी नदी पर बन रहे देश के सबसे बड़े सड़क पुल का बड़ा हिस्सा गिरा, कई लोगों के घायल होने की खबर

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Bridge Collapse in Bihar: सुपौल के बकौर से मधुबनी के भेजा घाट के बीच भारत का सबसे बड़े सड़क पुल का निर्माण किया जा रहा है. इसका एक बड़ा हिस्सा गिर गया है जिसमें एक व्यक्ति की मौत की बात कही जा रही है. इसके साथ ह...और पढ़ें

कोसी नदी पर बन रहे देश के सबसे बड़े सड़क पुल का बड़ा हिस्सा गिरा, कई घायल
कोसी नदी पर बन रहे बकौर-भेजा घाट पुल का बड़ा हिस्सा गिरा.
हाइलाइट्स
  • बिहार में बन रहे देश के सबसे लंबे पुल का हिस्सा गिरा.
  • 1 की मौत, 20 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका.
  • पुल का गार्टर गिरकर 3 फीट जमीन में धंसा, राहत जारी.

सुपौल. बड़ी खबर बिहार के सुपौल से है जहां कोसी नदी पर बन रहे देश के सबसे बड़े सड़क पुल का एक हिस्सा गिर गया है. बताया जा रहा है कि पुल का 50, 51 और 52 पिलर का गार्टर जमीन पर गिर गया है. इस घटना में कई लोगों के घायल होने सूचना है. बताया जा रहा है कि इस घटना में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हो गई है जबकि 8 लोगों के घायल होने की बात बताई जा रही है. स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि मलबे में 20 से अधिक लोग दबे हो सकते हैं. बता दें कि सुपौल के बकौर से मधुबनी के भेजा घाट के बीच भारत का सबसे बड़े सड़क पुल का निर्माण किया जा रहा है.

बता दें कि घटना के बाद से स्थानीय लोग काफी आक्रोशित हैं. फिलहाल बकौर से भेज के बीच पाने वाले पुल का गार्टर गिरने के बाद अभी तक राहत का काम शुरू नहीं किया गया है. प्रशासन की टीम यहां जरूर पहुंची है, लेकिन कोसी के बीच में यह होने के कारण पर्याप्त इक्विपमेंट घटना वाले इलाके तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में राहत व बचाव में काफी मुश्किलों का सामना कना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि 20 से अधिक लोग इस गटर के नीचे दबे हुए हैं.

बता दें कि सुपौल जिले के बकौर एवं मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे देश के सबसे लंबे (10.2 किलोमीटर) महासेतु के निर्माण तेजी से चल रहा है. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 1199 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से इस महासेतु का एप्रोच सहित निर्माण किया जा रहा है. इसमें 1051.3 करोड़ रुपए से केवल पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जिसे एक कार्य एजेंसी तैयार कर रही है. इसमें गैमन इंजीनियर्स एंड कांक्ट्रेक्टर्स प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स ट्रांस रेल लाईटिंग प्राईवेट लिमिटेड (ज्वाईंट वेंचर)शामिल है.

इस पुल के निर्माण को पूर्ण करने का अगस्त 2023 तक समय निर्धारित था, जिसे अब वर्ष 2024 के अंत पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक पुल का 56 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. इसमें कुल 171 पाया होगा जिसके 166 से अधिक पिलर बन कर तैयार हो चुके हैं. इस पुल में कुल तीन किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण है. जिसमें बकौर की ओर से 2.1 किमी एवं भेजा की ओर से करीब 1 किमी एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है.

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