भाजपा नेताओं की किस पर फिदा हैं मांझी, HAM के लिए एक सीट पाकर भी हैं गदगद, पारस पर कटाक्ष
गया संसदीय सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के खाते में जाने से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बेहद खुश हैं. वह भाजपा नेताओं के द्वारा उन्हें सम्मान दिये जाने को लेकर भी आह्ललादित हैं. इस बीच उन्होंने पशुपति कुमार...और पढ़ें

- गया संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जीतन राम मांझी.
- भाजपा नेताओं के व्यवहार पर आह्ललादित हैं जीतन राम मांझी.
- पशुपति कुमार पारस के एनडीए छोड़ने पर मांझी ने किया कटाक्ष.
गया. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गदगद हैं क्योंकि उन्हें अपनी मनचाही गया लोकसभा सीट मिल गई है. अपनी इस उपलब्धि की चमक उनके चेहरे पर भी दिख रही है. गया में मीडिया से बातचीत में अपनी इस खुशी का उन्होंने प्रकटीकरण भी किया. इस दौरान उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस पर तंज भी कसा. मांझी ने कहा कि पारस दो तरह की बातें करने वाले नेता हैं.
मांझी ने कहा, पशुपति पारस एनडीए के सच्चे सिपाही नहीं थे और यही कारण है कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. पशुपति पारस दो तरह की बातें कह रहे थे. वहीं, मांझी ने चिराग की पांच सीट की अपेक्षा हम पार्टी को एक सीट मिलने पर भी खुद को खुश बताया और कहा कि वह एनडीए के सच्चे सिपाही हैं. मांझी ने कहा हमने 1980 में टिकट मांगा, मुझे मिला. मंत्री और मुख्यमंत्री भी बना.
मांझी ने कहा कि एनडीए की बैठक में मुझे तरजीह दी गई. एनडीए की बैठक में जेपी नड्डा के बाद उनका नंबर रखा गया. वहीं, भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण करने के समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे ही कहा. मुझे यहां काफी सम्मान मिला है. उनको एनडीए में सम्मान मिल रहा है. दुनिया के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री भी उन्हें सम्मान देते हैं, ऐसे में उन्हें अब क्या चाहिए. एस सीट भी नहीं मिलती तो कोई बात नहीं थी. लेकिन, एक सीट मिली है और इससे वह बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि मेरे साथ 10% वोट है और वे एनडीए को 40 सीटें दिलाने के लिए पूरी शक्ति लगा देंगे.
बता दें कि गया संसदीय सीट से इस बार हम पार्टी के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि एनडीए ने हम पार्टी को एक सीट दी है और वह एक सीट गया लोकसभा क्षेत्र है. यहां सेही जीतन राम मांझी अपना भाग्य आजमाएंगे. ऐसे में क्या जीतन राम मांझी अपनी और एनडीए की नैया पार करा पाएंगे. लोगों के मन में भी मांझी के गया से लड़ने को लेकर खुशी है क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए जीतन राम मांझी ने गया के लिए कई कार्य किए थे.