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Bihar: उफान पर नदियां, लोग छेनी हथौड़े से तोड़ रहे अपना ही घर, अब सड़क किनारे झोपड़ी में रहने को मजबूर

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Purnia Flood: सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है. कटाव के कारण लोग अपने मकानों को अपने ही हाथो छैनी हथौड़े से तोड़ तोड़ कर एक एक ईंट निकाल रहे हैं. घर तोड़ रहे मोइउद्दीन और शकील का कहना है कि उसने मजदूरी कर 7...और पढ़ें

उफान पर नदियां, लोग छेनी हथौड़े से तोड़ रहे अपना ही घर, अब रहेंगे सड़क किनारे
कटाव के कारण लोग अपने मकानों को अपने ही हाथो छैनी हथौड़े से तोड़ तोड़ कर एक एक ईंट निकाल रहे हैं.

पूर्णिया. कहते हैं लोग तिनका-तिनका जोड़ कर अपना आशियाना बनाते है. लेकिन बाढ़ और कटाव में पल भर में यह आशियाने उजड़ जाते हैं. ऐसे में इन लोगों का दर्द क्या होगा आप खुद समझ सकते हैं. जिन्होंने मजदूरी कर अपना आशियाना बनाया था आज उन्हीं आशियानों को अपने परिवार के साथ मिलकर छेनी हथौड़े से तोड़ रहें है. वही महानंदा नदी में आए उफान के कारण सुगवा महानंदपुर पंचायत में सड़क पर पानी की तेज धारा बह रही है. जिस कारण लोगों का आवागमन ठप हो गया है.

यह हालात पूर्णिया के सुदूर ग्रामीण इलाके बायसी अनुमंडल क्षेत्र का है. जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर बायसी अनुमंडल के सुगवा महानंदपुर पंचायत के काजल गांव में महानंदा नदी उफनाई हुई है. नदी में कटाव काफी तेज है. इलाके में बाढ़ आ गई है. सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है. कटाव के कारण लोग अपने मकानों को अपने ही हाथो छैनी हथौड़े से तोड़ तोड़ कर एक एक ईंट निकाल रहे हैं.

घर तोड़ रहे मोइउद्दीन और शकील का कहना है कि उसने मजदूरी कर 7 लाख रुपए लगाकर 8 साल पहले यह मकान बनाया था. लेकिन आज नदी उनके घर के काफी करीब आ गई है. जिस कारण वह अपने ही मकान को अपने परिवार के साथ तोड़ रहे हैं. अब कहीं सड़कों के किनारे झुग्गी झोपड़ी बनाकर परिवार और बच्चों के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि नदी घर के काफी नजदीक आ गई है. अगर वह घर नहीं तोड़ेंगे तो यह घर भी नदी में समा जाएगा.

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वहीं स्थानीय काजल गांव निवासी अख्तर आलम भी अपने बेटियों के साथ मिलकर अपने घर को तोड़ रहे हैं. अख्तर का कहना है कि पहले भी कई घर नदी में समा चुका है. अगर नहीं तोड़ेंगे तो मेरा भी घर नदी में चला जाएगा. वही सुगवा महानंदपुर के मुखिया प्रतिनिधि राशिद कर्जई का कहना है कि इससे पहले भी सुगवा महानंदपुर पंचायत में करीब एक सौ घर महानंदा नदी में कट कर समा चुका है. इस बार फिर महानंदा नदी उफान पर है. सड़कों में पानी भर गया है. लोग अपने घर को तोड़कर सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं. ये लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर सड़कों के किनारे रह रहे है. उसने कई बार डीएम से लेकर विधायक और सांसद को आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि यहां कटाव निरोधक काम हो .लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. लिहाजा महानंदा के रौद्र रूप में यह गांव पूरा कट जाएगा. लेकिन प्रशासन और सरकार चैन की नींद सोई है.

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