Chaitra Navratri 2023 : अष्टमी के दिन इस नदी में करें स्नान, होगी विशेष फल की प्राप्ति
पंचांग के गणितकर्ता डॉ.वरुण कुमार झा ने बताया कि उदय काल व्यापनी अष्टमी बुधवार को है.इस दिन मां भगवती के आठवें स्वरूप की पूजा होगी.अष्टमी तिथि दीक्षा ग्रहण के लिए भी शुभ माना गया है.इस दिन ब्रह्मपुत्र नदी में स...और पढ़ें

नवरात्री
रिपोर्ट – अभिनव कुमार
दरभंगा. नवरात्रि में 9 दिन मां भगवती के नौ अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है. अलग-अलग रुपों की पूजा का विशेष महत्व है. किस दिन किस रूप की पूजा कसे आपको क्या विशेष फल प्राप्त होगा इसकी जानकारी नहीं होगी. किस दिन किस स्वरूप की पूजा कैसे की जाती है. किस तिथि को नवरात्रि के समय ब्रह्मपुत्र नदी में स्नान करने से विशेष फल मिलता है. इसकी जानकारी नहीं होगी. इसपर विशेष जानकारी इस लेख में दी गई है.आप इस तिथि को पूजा कर विशेष लाभ उठा सकते हैं.
29 मार्च को है उदल काल व्यापनी अष्टमी
विस्तृत जानकारीसंस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और विश्वविद्यालय पंचांग के गणितकर्ता डॉ वरुण कुमार झा ने दी.उन्होंने बताया कि उदय काल व्यापनी अष्टमी बुधवार को है जो कि 29 मार्च को है.इस दिन मां भगवती के आठवें स्वरूप की पूजा की जाएगी. अष्टमी तिथि दीक्षा ग्रहण के लिए भी शुभ माना गया है. इस दिन ब्रह्मपुत्र नदी में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है.
इसके साथ ही 30 मार्च को बृहस्पति वार के दिन उदय व्यापिनी नवमी तिथि रहने के कारण मां भगवती के नौवीं स्वरूप की पूजा की जाएगी. इस दिन त्रिशूलनी पूजा भी है और रामनवमी का भी व्रत होने जा रहा है. जिस दिन रामनवमी का व्रत हो उस दिन हनुमान जी को ध्वजा दान करने की भी परंपरा रही है. इस दिन भगवान राम और सीता का दर्शन अयोध्या जाकर या फिर जनकपुर जाकर अवश्य करना चाहिए. इसके अगले दिन 31 मार्च को शुक्रवार दिन दशमी तिथि हो रही है.जिसमें देवी का विसर्जन किया जाता है. इस दिन अपराजिता पूजा भी की जाती है. इस दिन रामनवमी व्रत का पारण भी किया जाता है.