Buxar News: बक्सर के इस गांव के किसानों का दर्द, सीएम आए लेकिन समस्या जस की तस
किसान गुड्डू शर्मा ने बताया कि सीएम के आने पर जिस तत्परता से गाँव में दिखावटी विकास अधिकारियों के द्वारा कराया गया.उसी तरह हमेशा किया जाता तो जनता की हर समस्या का निदान हो जाता.

खंडहर में तब्दील हो चुका है स्टेट बोरिंग.
रिपोर्ट-गुलशन सिंह
बक्सर. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन से ठीक पहले आनन-फानन में जिला प्रशासन ने चक्की प्रखंड के चन्दा पंचायत के हेनवा गाँव में सड़क, अस्पताल व तलाब को रातों-रात चमका कर अपनी वाहवाही लूटी थी. वहीं दूसरी ओर उसी गांव के किसानों की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई पर किसी का ध्यान नहीं गया. किसानों ने मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंचाई सम्बंधित समस्या को उठाया है. दरअसल, स्थानीय गाँव में 1970 का सरकारी नलकूप जिसे स्टेट बोरिंग के नाम से गाँव के लोग जानते है, वह बदहाली का दंश झेल रहा है. नलकूप का ऑपरेटर रूम पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है. उसमें विशाल वृक्ष खड़े हो गए हैं, जो विभागीय उदासीनता को बताने के लिए काफी हैं.
खंडहर में तब्दील हो चुका है स्टेट बोरिंग
स्थानीय किसान धर्मेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि स्टेट बोरिंग 1970 में चालू हुआ था, जो कुछ वर्षों तक चलने के बाद बंद हो गया. जिसके बाद इसे देखने के लिए कोई अधिकारी नहीं आए. नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे नलकूप का हर उपकरण यहां से गायब हो गया और भवन भी खंडहर में तब्दील हो गया. जिसमें आज झाड़ियां उग आयी हैं. उन्होंने बताया कि इस बोरिंग के पास में ही उनका खेत है, लेकिन सिंचाई के लिए मंहगे डीजल खरीदकर निजी नलकूप से पटवन करना होता है, जो कृषि कार्यों में मंहगा पड़ता है.
नलकूप के भवन निर्माण में राशि का हुआ बंदरबांट
किसान धर्मेंद्र ने बताया कि दो साल पूर्व यहां अलग से नलकूप के भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया. जिसमें बोरवेल भी हुआ लेकिन काम आधा-अधूरा कर के कागज पर सरकारी पैसे की बंदरबांट संवेदक व अधिकारियों ने कर ली. न तो भवन में गेट लगा और न ही कार्य पक्का हुआ. इतना ही नहीं जो बोरवेल खोदी गयी उसे भी खुला छोड़ दिया गया. जिससे आये दिन बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने का खतरा बना रहता है. किसान धर्मेंद्र ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से भी की गई, लेकिन किसी ने इसपर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा.
सिंचाई के अभाव में खेती से किसान हो रहे हैं दूर
युवा किसान गुड्डू शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री के आने पर जिस तत्परता से गाँव में दिखावटी विकास अधिकारियों के द्वारा कराया गया. उसी तरह हमेशा किया जाता तो जनता की हर समस्या का निदान हो जाता. उन्होंने बताया कि पास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैविक खेती का निरीक्षण कर किसानों की बात सुनने आये हैं, लेकिन ठीक उनके पीछे किसानों को सिंचाई की इतनी बड़ी समस्या है, इसपर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि पहले इस स्टेट बोरिंग से तीन गाँव हेनवा, चन्दा और बलबतरा के खेतों की सिंचाई हुआ करती थी, लेकिन सिंचाई के अभाव में किसान खेती से दूर हो रहे हैं. डीजल मंहगा होने से खेती में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.