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Desi Jugaad: किसान ने जुगाड़ तकनीक से बना डाली यह मशीन, लोग हैं हैरान

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रंजन कुमार ने बताया कि इस हैचरी को तैयार करने के लिए मछली पैक करने वाली थर्मोकोल की एक बॉक्स की जरूरत होती है. इसके अलावा तापमान नियंत्रण के लिए थर्मोमीटर,12 वोल्ट का पंखा,12 वोल्ट का चार्जर, 40-40 वाट के दो बल...और पढ़ें

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बांका

बांका के रंजन कुमार ने जुगाड़ तकनीक से तैयार किया हैचरी मॉडल

रिपोर्ट- अभिषेक कुमार

बांका. बांका के किसान ने जुगाड़ तकनीक से हैचरी तैयार की है. इस हैचरी को तैयार करने में महज दो हजार रुपए की लागत आई है. इसमें वे सारे फंक्शन हैं, जिसकी जरूरत अंडे की हैचिंग कराने के लिए पड़ती है. बाजार में इसी हैचरी की कीमत 15 से 18 हजार रुपए तक है.

सबसे खास बात इसे मछली के रद्दी बॉक्स से तैयार किया गया है. मुर्गी पालन से जुड़े किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद है. कम लागत में किसान अंडे की हैचिंग कर सकते हैं.

इस जुगाड़ तकनीक को बांका जिले के कठौन गांव निवासी रंजन कुमार ने किसानों की लागत कम करने के लिए तैयार किया है. इसमें जुगाड़ तकनीक से उन सारी सामग्री को डाला गया है जो अंडे की हैचिंग कराने में मदद करते हैं.

ऐसे तैयार किया यह हैचिंग बॉक्स

कठौन गांव के रंजन कुमार ने बताया कि इस हैचरी को तैयार करने के लिए मछली पैक करने वाली थर्मोकोल की एक बॉक्स की जरूरत होती है. इसके अलावा तापमान नियंत्रण के लिए थर्मोमीटर, 12 वोल्ट का पंखा, 12 वोल्ट का चार्जर, 40-40 वाट के दो बल्ब की जरूरत होती है. इन सामानों को खरीदने में करीब 2 हजार की लागत आती है. इस हैचरी में मुर्गी और बत्तख दोनों के अंडे की हैचिंग कराई जा सकती है. हालांकि दोनों के हैचिंग के समय में अंतर है.

हैचिंग के दौरान तापमान का ध्यान रखना जरूरी

रंजन कुमार ने बताया कि बत्तख के अंडे को 25 दिन तक और मुर्गी के अंडे को 18 दिनों तक लगातार हर दिन हैचरी के अंदर 180 डिग्री पर रोटेट करना पड़ता है. साथ ही तापमान का भी विशेष ध्यान रखना होता है. हेचरी के अंदर बत्तख के अंडे के लिए 25 दिनों तक 27.5 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और 70 फीसद आद्रता की जरूरत होती है. इसके बाद 26वें दिन से एक डिग्री तापमान को घटा देना होता है. साथ ही अंडे के रोटेशन को भी बंद कर दिया जाता है. मुर्गी के अंडे के लिए 18 दिनों तक 25.5 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरूरत होती है. इसके बाद एक डिग्री तापमान को घटा दिया जाता है.

मिनिमम खर्च पर अंडे की हैचिंग का है बेहतर जुगाड़

रंजन कुमार ने बताया कि किसान अगर अपने घर पर 15 से 20 मुर्गी या बत्तख का पालन कर रहे हैं तो वे इस हैचरी के माध्यम से खुद चूजा तैयार कर सकते हैं. यह किसानों के लिए मिनिमम खर्च पर अंडे की हैचिंग कराने का बेहतर विकल्प है. उन्होंने बताया कि अब तक वह इस तकनीक के बारे में कई किसानों को अवगत करा चुके हैं और उन्हें इसे तैयार करने में मदद भी करते हैं.

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