आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर है बिहार पुलिस की निगाहें, विवादित पोस्ट भेज सकता है जेल
Social Media Accounts: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर नजरें रखने के लिए सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया गया है. इस यूनिट में एक डीएसपी के नेतृत्व में 10...और पढ़ें

पटना. अग्निपथ योजना के विरोध के बाद से बिहार पुलिस सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाए हुए है. इस क्रम में EOU में एक विशेष यूनिट का गठन किया गया है. इस यूनिट का नाम है सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट. यह यूनिदरभंट सोशल मीडिया पर होने वाले अवांछित हरकतों पर चौबीसों घंटे नजर बनाए हुए है. इस यूनिट को अधिकांशत: महिलायें संभाल रहीं है. EOU के SP सुशील कुमार के मुताबिक बहुत जल्द इस यूनिट का विस्तार किया जायेगा. न्यूज़ 18 से खास बातचीत करते हुए सुशील कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट भड़काऊ बयान या लोगों की भावनाओं को आहत करने जैसे कृत्यों पर खास नजर रखने के लिए सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया गया है.
इस यूनिट में एक डीएसपी के नेतृत्व में 10 से 15 की संख्या में महिला और पुरुष कर्मियों को लगाया गया है. ज्यादातर महिलाएं इस यूनिट में शामिल हैं जो कि हर तरह के सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं. असामाजित तत्व इसका फायदा ना उठा पाएं, इस पर भी हमारी नजर है. हमारा प्रयास है कि हर गतिविधि पर नजर रखी जाए. नेशनल यूनिट से हम कॉर्डिनेट करते हैं. आर्थिक अपराध इकाई का मानना है कि आपसी सौहार्द या दंगा जैसे मामलों में सोशल मीडिया की अहम भूमिका होती है. सोशल मीडिया के माध्यम से कहीं ना कहीं लोग अपने धर्म जाति के लोगों को उकसाते हैं, जिससे दंगा भड़कता है.
हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में अग्निपथ योजना को लेकर उपद्रव किया गया है जिसमें काफी सरकारी संपत्ति को क्षति हुई है. ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित करने के लिए सोशल मीडिया की विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट के कर्मचारी लगातार अपनी पैनी नजर बनाए रखते हैं. सुशील कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में ही बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट डाला गया था जिसकी सूचना प्राप्त होते ही आर्थिक अपराध इकाई द्वारा उस मामले की छानबीन की गई और अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है. सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का काम यह भी है कि मीडिया चैनल्स, सीसीटीवी कैमरे या सोशल साइट्स पर चल रहे चीजों पर अपनी नजर बनाए रखना.