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जम्मू में शहीद हुए जवान का पार्थिव शरीर बेतिया पहुंचा, गांव में किया गया अंतिम संस्कार

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Bihar News: बीते 14 अप्रैल को जम्मू में सर्च ऑपरेशन के दौरान दिवाकर महतो को गोली लग गई थी जिसके कारण उनकी मौत हो गई. रविवार को दिवाकर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया. शहीद की पत्नी फूल क...और पढ़ें

जम्मू में शहीद हुए जवान का पार्थिव शरीर बेतिया पहुंचा, किया गया अंतिम संस्कार
बीते 14 अप्रैल को जम्मू में सर्च ऑपरेशन के दौरान जवान दिवाकर महतो को गोली लगी थी जिसके कारण उनकी मौत हो गई (फाइल फोटो)

बेतिया. बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया (Bettiah) का एक बहादुर लाल ने देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया. गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के महुई गांव निवासी दिवाकर महतो उर्फ दिवाकर पटवारी जम्मू में ड्यूटी पर शहीद (Jawan Martyr) हो गये. मिली जानकारी के मुताबिक बीते 14 अप्रैल को जम्मू में सर्च ऑपरेशन के दौरान 24 वर्षीय दिवाकर को गोली लगी थी जिसके कारण उनकी मौत हो गई. रविवार को दिवाकर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया. अपने बहादुर बेटे के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

रविवार को ही शहीद जवान का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां राज्यसभा के सांसद सतीश चंद्र दुबे, स्थानीय विधायक भागीरथी देवी के अलावा सेना के जवान भी मौजूद रहे. अंतिम संस्कार के दौरान दिवाकर महतो अमर रहे और भारत माता की जयकारे से पूरा इलाका गूंज उठा.

राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मोदी सरकार दिवाकर महतो की शहादत को बेकार नहीं जाने देगी. दिवाकर की मौत से इलाके में शोक की लहर है, पूरा इलाका गमगीन हो गया है. दिवाकर की पत्नी फूल कुमारी देवी का रो-रो कर बुरा हाल है.

बता दें कि दिवाकर महतो वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुए थे. उनकी पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश, दूसरी पोस्टिंग गुजरात के भुज में थी. वहीं, जम्मू में उनकी तीसरी पोस्टिंग हुई थी. तीन साल पहले दिवाकर महतो की शादी हुई थी और लगभग ढाई महीने पहले ही वो एक बच्चे के पिता बने थे. तीन भाइयों में दिवाकर सबसे छोटे थे. उनके दोनों भाई भी सेना में हैं.

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