बिहार में बदलेगा शराबबंदी कानून, संशोधन सख्त होगा या दी जाएगी छूट - मद्य निषेध विभाग ने बताया
Amendment in Law : उत्पाद आयुक्त ने बताया कि जो संशोधन का प्रस्ताव मद्य निषेध विभाग द्वारा लाया गया है, उसके अनुसार अब पहली बार शराब पीने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का अधिकार कार्यपालिका से जुड़े अधिकारियों को मिल...और पढ़ें

पटना. बिहार के शराबबंदी कानून में बदलाव की लगातार आ रही खबरों के बीच मद्य निषेध विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है. मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धन जी ने बताया कि पहली बार शराब पीने के बाद जुर्माना लेकर छोड़े जाने का संशोधन बिहार सरकार ने 2018 में ही लाया था, लेकिन तब न्यायिक पदाधिकारियों को यह अधिकार दिया गया था कि वे 50 हजार जुर्माना राशि वसूल कर शराब पीने वालों को रिहा करने का आदेश दे सकते हैं. लेकिन अब इस कानून में बदलाव लाने के लिए मद्य निषेध विभाग सोच रहा है.
उत्पाद आयुक्त ने बताया कि जो संशोधन का प्रस्ताव मद्य निषेध विभाग द्वारा लाया गया है, उसके अनुसार अब पहली बार शराब पीने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का अधिकार कार्यपालिका से जुड़े अधिकारियों को मिल सकता है. उत्पाद आयुक्त ने बताया कि कार्यपालक दंडाधिकारियों को यह प्रस्ताव देने का अधिकार देने के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है. हालांकि आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया फिलहाल विचाराधीन है और इस पर अंतिम मुहर लगनी है.
उत्पाद आयुक्त की मानें, तो जिस तरीके से न्यायपालिका पर लगातार अधिक केस के कारण दबाव पड़ रहा है, ऐसे में कार्यपालिका को भी इसमें अधिकार देने का फैसला किया गया है, जो फिलहाल विचाराधीन है. मद्य निषेध विभाग के उत्पाद आयुक्त ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 2019 में ही मद्य निषेध विभाग ने 74 विशेष न्यायालय खोलने का प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया था. आयुक्त ने कहा कि सरकार ने इस पर सहमति जता दी थी. 74 विशेष न्यायालयों में शराबबंदी कानून से संबंधित मामलों का विचारण तेजी से चल रहा है और इसमें शराब माफियाओं को और शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों का लगातार ट्रायल चल रहा है. उत्पाद आयुक्त ने कहां की मद्य निषेध विभाग से जुड़े अपर लोक अभियोजकों की बैठक की गई है और मामलों का जल्द से जल्द निबटारा करने पर सहमति बनी है.