सड़ी थी सब्जियां, सलाद-सत्तू में थे कीड़े, आटे पर मक्खियों का अंबार! इस तरह बनाया जा रहा था मेडिकल स्टूडेंट्स का खाना
मधेपुरा. कहते हैं अगर आप स्वच्छ और पौष्टिक भोजन करेंगे तो ही अच्छा सोचेंगे और आपका मन भी किसी काम में लगेगा. अगर किसी को सिर्फ एक दिन अच्छा भोजन नहीं मिलता है तो उसका मूड खराब हो जाता है. लेकिन, बिहार ही नहीं देश के महान जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर मधेपुरा में खुले कॉलेज के छात्रों को लगभग हर दिन कीड़े लगे हुए खाद्य पदार्थों को खाना पड़ता है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सच्चाई छात्रों के लिए खाना बनाने वाली मेस की तस्वीरों को देखकर ही समझा जा सकता है.

जननायक कपूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने मंगलवार को घटिया खाना देख कर खूब हंगामा किया. छात्रों ने मेस में घटिया खाना देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हर दिन खाने की क्वालिटी बिलकुल निचले स्तर की होती है. जब मेडिकल छात्रों ने न्यूज 18 की टीम को मेस का जो नजारा दिखाया वह सच में कई सवाल खड़े करने वाले थे.

न्यूज 18 की टीम जब मेस में पहुंची तो देखा कि जिस जगह पर खाना बन रहा था वहां कीड़े उड़ रहे थे. बगल में ही कई दिनों का बचा खाना फेंका हुआ था जिसपर फफूंदी लग चुकी थी और दुर्गन्ध भी आ रही थी. यह बिलकुल अजीब सा नजारा था.

छात्रों ने बताया कि मेस से आने वाले दुर्गन्ध के कारण वे लोग जब किचेन के भीतर गए तो नज़ारा काफी चौकाने वाला था. सड़ी हुई सब्जियों को उनके खाने के लिए काटा जा रहा था. स्लाद पर कीड़े उड़ रहे थे. गूंथे हुए आंटे पर मक्खियां भिनभिना रही थी.

मेस के अंदर मेडिकल छात्रों को दिए जाने वाले स्लाद पर कीड़े बैठे थे, जिसे देखकर सलाद खाने का मन नहीं करेगा.

छात्रों के अनुसार मेस में कई दिन पुराने रखे हुए सत्तू में कीड़े लग चुके थे. किचेन में इतनी दुर्गंध थी कि लोग खड़े नहीं हो पा रहे थे. छात्रों ने बताया कि घटिया खाना खाने के कारण कई छात्र फूड प्वाइजनिंग और टाइफाइड से पीड़ित भी हो चुके हैं.

जननायक कपूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने बताया कि हमलोगों ने कई बार इसकी शिकायत प्राचार्य से भी की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उल्टे मेस संचालक द्वारा मेस बंद करने की धमकी दी जाती है.

वहीं इस बारे में मेस संचालक सौरभ सिंह ने बताया कि कॉलेज द्वारा सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, जो वेस्टेज होता है उसे ले जाने कोई नहीं आता है. 10-15 दिनों में हमारे द्वारा ही वेस्टेज को बाहर फेंका जाता है. वहीं जब संचालक से मेज पर पड़े कीड़े लगे सत्तू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक माह पहले का ही यह सत्तू है.

बता दें, इस सबंध में हमने जननायक कपूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से भी सम्पर्क करना चाहा, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया. छात्रों ने बताया कि शिकायत करने पर मेस संचालक मेस बंद ही करने की धमकी देते हैं. इस संबंध में प्राचार्य के लापरवाही की बात भी सामने आ रही है.