Bihar News: गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा, कई इलाकों के लिए खतरे की घंटी
गंडक के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. डिस्चार्ज लेवल ढाई लाख के पार हो गया है. लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. गंडक नदी समेत पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं वाल्मीकिनगर...और पढ़ें

पटना. बिहार ( bihar) और नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंडक के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है. डिस्चार्ज लेवल ढाई लाख के पार हो गया है. मानसून की दस्तक की वजह से लगातार हो रही बारिश कई इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. गंडक नदी समेत पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं वाल्मीकिनगर गंडक बराज से गंडक नदी में डिस्चार्ज 2 लाख 64 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया है. पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों को अलर्ट किया है. डीएम ने निर्देश दिया है कि निचले इलाकों से सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए. अभियंताओं को बांधों और तटबंध पर मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है.
नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. पहाड़ी नदियां मसान, मनोर और भपसा कई इलाकों में कहर बरपा रही है. जिलाधिकारी द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को निदेश दिया गया कि संबंधित क्षेत्रों में पंचायत प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर माईकिंग के माध्यम से आमजन को भारी बारिश, तेज आंधी, वज्रपात से बचाव हेतु जागरूक करेंगे. किसानों एवं तटवर्ती इलाकों में निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित स्थलों पर निवास करने, घरों में रहने के संबंध में माइकिंग के माध्यम से जागरूक करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सभी आश्रय स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखने हेतु निदेशित किया गया है.
जिला आपदा प्रभारी को निर्देशित किया कि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी निर्देश तथा संभावित बाढ़ के मद्देनजर एसडीआरएफ की टीम को सभी आवश्यक संसाधनों के साथ पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखें. साथ ही सभी अंचलाधिकारियों को नाव, नाविकों आदि की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि बिजली चमकने या गडग़ड़ाहट की आवाज सुनाई देने के बाद किसान तथा नागरिक पक्के घर में शरण लें. तटवर्ती इलाकों में निवास करने वाले व्यक्ति इस दौरान सुरक्षित स्थलों पर चले जाएं. बारिश-तूफान के दौरान अपने बच्चों को घरों में रखें. किसान अपने मवेशियों को खुले में नहीं बांधे, सुरक्षित स्थलों पर रखें.