Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री आवास पर की PM Modi से मुलाकात, अब BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पहुंचे
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Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री आवास पर की PM Modi से मुलाकात, अब BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पहुंचे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी से मुलाकात की.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की. पीएम मोदी और सीएम योगी के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई और इस दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा की हुई. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद योगी आदित्यनाथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने उनके घर पहुंच गए हैं. सीएम योगी के दो दिवसीय दिल्ली दौरे से सियासी हलचल तेज है. बता दें कि इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी.

कैबिनेट विस्तार से विधान सभा चुनाव पर चर्चा?

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का दिल्ली पहुंचना और पीएम मोदी के अलावा अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. जहां एक ओर बताया जा रहा है कि यूपी कैबिनेट में विस्तार को लेकर यह मुलाकात हुई है, वहीं दूसरी ओर ये बात भी सामने आ रही है कि बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए महामंथन शुरू कर दी है. हालांकि पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है.

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज

आदित्यनाथ के अचानक दिल्ली पहुंचने और केंद्रीय नेताओं से मुलाकात करने के बाद एक बार फिर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है. इन अटकलों को तब और बल मिला जब सूत्रों ने दावा किया कि जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से मिले. नड्डा और प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री से हुई अपनी मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया.

इन नेताओं को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह

हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और विधान परिषद के सदस्य एके शर्मा भी दिल्ली में हैं. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी के कुछ केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. एके शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी समझा जाता है. मुलाकातों के इस दौर के बारे में भाजपा नेताओं या पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं दी लेकिन सूत्रों ने दावा किया कि यह कवायद जितिन प्रसाद और एके शर्मा सहित कुछ अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश सरकार में शामिल किए जाने को लेकर है. जितिन प्रसाद राज्य के जानेमाने ब्राह्मण परिवार से हैं तो एके शर्मा भूमिहार बिरादरी से संबंध रखते हैं.

प्रदेश प्रभारी ने की थी चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा

अभी कुछ दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने लखनऊ का दौरा किया था और अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की थी. दोनों नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की थी.

डेढ़ घंटे चली योगी आदित्यनाथ-अमित शाह की मुलाकात

अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ट्वीट कर कहा, 'आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया. भेंट हेतु अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने के लिए गृह मंत्री का हार्दिक आभार.' इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक फोटो भी शेयर की, जिसमें वह अमित शाह को 'प्रवासी संकट का समाधान' रिपोर्ट की एक प्रति सौंपते दिख रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक तकरीबन डेढ़ तक तक चली शाह से मुलाकात के दौरान आदित्यनाथ ने राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की.

सहयोगी दलों को साधने का प्रयास?

जब अमित शाह और आदित्यनाथ की मुलाकात चल रही थी उसी समय अपना दल की अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी शाह के आवास पर पहुंची. अमित शाह ने ट्वीट कर आदित्यनाथ और पटेल से मुलाकात की जानकारी दी और तस्वीरें भी साझा की. उत्तर प्रदेश के ही निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय कुमार निषाद और संत कबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद ने भी अमित शाह से मुलाकात की. अमित शाह की पटेल और निषाद पार्टी के नेताओं से मुलाकात को आगामी विधान सभा चुनाव से पहले सहयोगी दलों को साधने के भाजपा के प्रयास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

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