फर्जी कंपनी ने कपड़े धोने के स्टॉर्च से बनाई नकली दवाईयां, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़; ऐसे हुआ खुलासा
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फर्जी कंपनी ने कपड़े धोने के स्टॉर्च से बनाई नकली दवाईयां, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़; ऐसे हुआ खुलासा

देश में कोरोना महामारी (Coronavirus) में मिलावटखोर भी लोगों को लूटने के लिए सक्रिय हैं. महाराष्ट्र में ऐसे ही मिलावटखोरों के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जी-जान लगाए हुए हैं. वहीं मिलावटखोर भी लोगों को लूटने के लिए सक्रिय हैं. 

  1. मुंबई में चलाया गया छापेमारी अभियान
  2. हिमाचल में नहीं मिली कोई कंपनी
  3. कपड़े धोने के स्टॉर्च का इस्तेमाल

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद (Osmanabad) जिले से ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. वहां पर कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली फेविमैक्स (Favimax) की नकली दवाईयां (Fake Drugs) मिली हैं. जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. अब प्रशासन इन मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर रहा है. 

मुंबई में चलाया गया छापेमारी अभियान

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने पिछले दिनों मुंबई में छापेमारी अभियान चलाया था. उस अभियान में दवाइयों के मेन स्टॉकिस्ट शिवसृष्टि सर्गेमेड, मेडिटेब वर्ल्डवाइल्ड और नीरव ट्रेडिंग से फेविमैक्स दवा का स्टॉक मिला. जांच में पता चला कि वह दवा नकली (Fake Medicines) थी. 

हिमाचल में नहीं मिली कोई कंपनी

जब उन दवाओं के रैपर को देखा गया तो उस पर पर मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर कंपनी का नाम लिखा दिखा. FDA अफसरों ने रैपर पर लिखे पते हिमाचल प्रदेश के सोलन में संपर्क किया तो पता चला कि वहां पर इस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है. स्टॉकिस्ट से सख्ती से पूछने पर पता चला कि उन्होंने बताया कि ये सारी नकली दवाइयां (Fake Medicines)  उस्मानाबाद जिले से हासिल की हैं. 

कपड़े धोने के स्टॉर्च का इस्तेमाल

FDA अफसरों के मुताबिक कोरोना मरीजों के इस्तेमाल में आने वाली इस गोली को बनाने के लिए एक निश्चित सामग्री की जरूरत होती है, लेकिन इन्हें बनाने के लिए कपड़े धोने के स्टॉर्च का इस्तेमाल हो रहा था. जिससे मरीजों को फायदा होने के बजाय उनकी हालत और बिगड़ रही थी. 

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उस्मानाबाद में मिली नकली दवाएं

महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने श्रीनाथ इंटरप्राइजेज से उमरगा में 300 और उस्मानाबाद में 220 स्ट्रिप्स जब्त की गई हैं. जिनका मूल्य की 65,000 रुपये है. अब फेविमैक्स (Favimax) टैबलेट को उस्मानाबाद जिले में बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

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