आम तौर पर, किसी भी संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सांप में मिले इन जीवाणुओं पर 35 प्रकार के एंटीबायोटिक्स बेअसर हैं.
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पुणे: पुणे और चंडीगढ़ में शोधकर्ताओं के एक ग्रुप ने उत्तर पश्चिमी घाटों में आम तौर पर पाए जान वाले हल्के विषैले ‘वाइन स्नेक’ (Vine Snake) के स्टूल (stool) से दो नये 'मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट' (Multi drug resistant) Bacteria की खोज की है. टीम के मुताबिक, सांप के मल से अलग किए गए नये Bacteria में कम से कम 35 एंटीबायोटिक दवाओं के लिए Resistance है.
फैल सकता है संक्रमण
Bacteria की पहचान नहीं
रिसर्चर डॉ रविंद्र चौधरी ने कहा कि जानवरों के स्टूल में मौजूद सूक्ष्म जीव मनुष्यों और अन्य जानवरों के साथ बारिश के मौसम में पानी के प्रवाह और हवा के जरिए बहुत आसानी से संपर्क में आ जाते हैं. उन्होंने कहा, 'यहां बताया गया Bacteria, प्लेनोकोकासी वर्ग के तहत आता है और इस वर्ग की कुछ प्रजातियां रोग पैदा कर सकने वाली प्रकृति की होती हैं इसलिए सांपों में Bacteria की पहचान करना आवश्यक है क्योंकि वे संक्रामक रोग फैला सकते हैं. ऐसी आशंका है कि इन नये खोजे गए जीवाणुओं के कारण संक्रामक रोग हो सकता है.'
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35 प्रकार के एंटीबायोटिक्स बेअसर
डॉ चौधरी ने कहा कि आम तौर पर, किसी भी संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सांप में मिले इन जीवाणुओं पर 35 प्रकार के एंटीबायोटिक्स बेअसर हैं. उन्होंने दावा किया कि 'हाल में, ऐसा देखा गया है कि चीनी करेत सांप और चीनी कोबरा, कोरोना वायरस का मूल श्रोत हो सकते हैं जिससे घातक संक्रामक सांस संबंधी बीमारी का प्रकोप फैला. जब रिसर्चर ने 2019-नोवल कोरोना वायरस के Sequence का Bio informative विश्लेषण किया तो पाया कि यह कोरोना वायरस हो सकता है जो सांपों से आया हो.'
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