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MP में लालची अस्पतालों पर नकेल:भोपाल में 8 अस्पतालों ने मरीजों से 18 लाख रु. ज्यादा लिए थे, सब लौटाने पड़े; सरकार बोली- लोग FIR कराएं

भोपाल3 वर्ष पहले
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सरकार ने अस्पतालों पर नजर रखने के लिए तीन IAS अधिकारियों की एक कमेटी बना दी है। इसमें प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रतीक हजेला, सचिव संजय गोयल शामिल हैं। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar
सरकार ने अस्पतालों पर नजर रखने के लिए तीन IAS अधिकारियों की एक कमेटी बना दी है। इसमें प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रतीक हजेला, सचिव संजय गोयल शामिल हैं। (फाइल फोटो)

मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना के नाम पर लूट रहे लालची अस्पतालों पर नकेल कसनी शुरू हो गई है। बुधवार को राजधानी भोपाल के 8 अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन ने बिल के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने की संबंधित क्षेत्रों के SDM से शिकायत की तो प्रशासन की चार टीमें अस्पताल पहुंच गईं। जांच में पता चला कि ये अस्पताल अनाप-शनाप पैसा ले रहे हैं।

प्रशासन की सख्ती के बाद इन अस्पतालों ने 10 मरीजों के परिजनों को 18 लाख रुपए लौटाए। प्रशासन अब इन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा है कि अस्पताल अपने परिसर में इलाज की रेट लिस्ट लगाएं। जितना इलाज करें, उतना ही बिल लें, नहीं तो उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे।

वहीं, सरकार ने भी बुधवार को कह दिया कि लूट-खसोट कर रहे अस्पतालों के खिलाफ लोग थानों में FIR दर्ज कराएं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सभी थाना पुलिस से कहा कि अस्पतालों या एंबुलेंस की वसूली से पीड़ित परिवार थानों में आएं तो रिपोर्ट दर्ज करें। ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर, दवाएं, कंसंट्रेटर, एंबुलेंस की कोई भी ब्लैक मार्केटिंग करता पाया जाएगा तो उस पर रासुका की कार्रवाई होगी।

सरकार ने अस्पतालों पर नजर रखने के लिए तीन IAS अधिकारियों की एक कमेटी बना दी। इसमें प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रतीक हजेला, सचिव संजय गोयल शामिल हैं। कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि सार्थक पोर्टल पर जिस अस्पताल का जो इलाज पैकेज दिखाया जा रहा है, उसी हिसाब से शुल्क लिया जाए।

कोरोना लूट; अस्पताल शव नहीं दे रहा था, दोस्तों-रिश्तेदारों ने चंदा कर 1.65 लाख का बिल चुकाया, SDM ने 50 हजार रुपए वापस कराए

1. RKDF अस्पताल, होशंगाबाद रोड
यहां गंजबासौदा निवासी मनोज तनवानी 29 अप्रैल को भर्ती हुए थे। मंगलवार शाम को उनकी मौत हो गई। अस्पताल ने 6 दिन का एक लाख 65 हजार 500 रुपए बिल बनाया। चूंकि इतने रुपए परिजनों के पास नहीं थे तो रिश्तेदारों-दोस्तों ने चंदा कर बिल चुकाया। हालांकि परिजनों ने इसकी शिकायत कोलार SDM क्षितिज शर्मा से की। उन्होंने बिलों की जांच की तो पता चला कि अस्पताल ने 50 हजार रुपए ज्यादा लिए हैं। सख्ती के बाद ये राशि लौटाई गई।

2. सिटी सुपर स्पेशलिटी, गौतम नगर
एमपी नगर SDM विनीत तिवारी को शिकायत की गई थी कि यहां 15 अप्रैल से भर्ती शोभा मालवीय से अस्पताल 12 लाख रुपए बिल चुकाने को कह रहा है। इसमें 4.50 लाख रुपए ऑक्सीजन के हैं, जबकि परिजनों का कहना है कि उन्होंने खुद ऑक्सीजन की व्यवस्था की। इसलिए बिल सिर्फ 6 लाख बनना चाहिए। मामले की जांच हुई तो बिल में से 6 लाख रुपए कम कराए गए।

3. हक मल्टी, नीलबड़
3 मई को डिस्चार्ज हुए मरीज अश्विनी पुरोहित ने SDM हुजूर से शिकायत की थी कि उसने अस्पताल ने 47 हजार की छूट देने के बाद 3 लाख रुपए बिल लिया है। SDMने बिल की जांच की तो अस्पताल ने 40 हजार रुपए बुधवार को लौटाए।

4. रुद्राक्ष, कोलार
प्रशासन ने मरीज विशाल दीक्षित को 24 हजार, रवीश को 8 हजार, पुरेंद्र को 12 हजार, यश को 12 हजार रुपए वापस कराए। बन्ने सिंह यादव के निधन के बाद अस्पताल ने पैसा ज्यादा लेना चाहा तो शिकायत हुई। बाद में अस्पताल ने 65 हजार रुपए लौटाए।

5. AVM, बैरागढ़
यहां 20 दिन से कपिल आहूजा भर्ती हैं। हॉस्पिटल उसने 15 हजार रुपए प्रतिदिन चार्ज ले रहा है। इसकी शिकायत SDM बैरागढ़ से की तो रेट लिस्ट की जांच की गई और टीम ने हिदायत दी गई कि जो रेट तय हैं, उसी हिसाब से बिल लिया जाए।

6. आयुष्मान, ईंटखेड़ी
यहां मरीज अजय गुप्ता की शिकायत पर SDM ने जांच की तो बिल में गड़बड़ी मिली। मरीज को 1.40 लाख रुपए वापस कराए गए।
7. निरामय, मिसरोद
यहां शांति शोहित भर्ती हैं। इनका 95 हजार रुपए का बिल माफ कराया गया है।

8. निर्मल प्रेम अस्पताल, मिसरोद
धर्मेंद्र सिंह चौहान का बिल 1.28 लाख रुपए बनाया। प्रशासन ने 75 हजार वापस कराए।

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