Corona के प्रकोप के बीच Mumbai से आई अच्छी खबर, लोगों में बढ़ रही हैं एंटी बॉडीज; Sero Survey में खुलासा
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Corona के प्रकोप के बीच Mumbai से आई अच्छी खबर, लोगों में बढ़ रही हैं एंटी बॉडीज; Sero Survey में खुलासा

कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच मुंबई (Mumbai) से अच्छी खबर आई है. सीरो सर्वे में पता चला है कि शहर के गैर-स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों में Sero पॉजिटिविटी तेजी से बढ़ रही है.

कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में ले जाते हुए परिजन (साभार रायटर)

मुंबई: मुंबई (Mumbai) में एक नए सर्वे से पता चला है कि गैर-स्लम बस्तियों में Sero पॉजिटिविटी तेजी से बढ़ रही है. वहीं स्लम बस्तियों में इसमें गिरावट आ रही है. यह सीरो सर्वे बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) की ओर से करवाया गया था. 

  1. BMC ने करवाया था सीरो सर्वे
  2. स्लम बस्तियों में घटी एंटी बॉडी
  3. 10,197 सैंपल लिए गए थे

BMC ने करवाया सीरो सर्वे

BMC के इस सीरो सर्वे (Sero Survey) से यह भी पता चला है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा ज्यादा एंटी बॉडी (Antibody) बनी हैं. इस सर्वे के मुताबिक महिलाओं में 37.12 प्रतिशत Sero पॉजिटिविटी मिली. वहीं पुरुषों में यह दर 35.02 प्रतिशत मिली. 

स्लम बस्तियों में घटी एंटी बॉडी

BMC के मुताबिक Sero पॉजिटिविटी में ब्लड का टेस्ट किया जाता है. उसके बाद इस बात का आकलन किया जाता है कि ब्लड में कितनी एंटी बॉडी (Antibody) बनी हैं. इसके आधार पर लोगों में एंटी बॉडीज बनने का पता चलता है. BMC के अधिकारियों ने कहा कि मुंबई की स्लम बस्तियों में किए गए सर्वे से  41.61 Sero पॉजिटिविटी मिली है. जबकि पिछले साल यह 57 प्रतिशत थी. 

मुंबई में 10,197 सैंपल लिए गए

वहीं पूरे मुंबई में कुल 10,197 ब्लड सैंपल इकट्ठे किए गए थे, जिनमें से 36.30 में सीरो पॉजिटिविटी मिली है. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के गैर-स्लम एरिया में किए गए सर्वे में 28.5 प्रतिशत लोगों में Sero पॉजिटिविटी मिली है. पिछले साल जुलाई में किए गए सर्वे में यह दर 16 प्रतिशत थी. उसके बाद अगस्त 2020 में यह बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई थी. यह सर्वे मुंबई के तीन वार्डों में किया गया था. 

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इस साल मार्च में किया गया सर्वे

इस साल मार्च में किए गए सर्वे में ऐसे लोगों के ब्लड सैंपल इकट्ठे किए गए, जिन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी. पिछले एक साल के अंदर यह तीसरा सर्वे था. इन ब्लड सैंपल को बाद में कस्तूरबा अस्पताल में भेजा गया. जिसके बाद निकले नतीजों को अब सार्वजनिक किया गया है. 

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