अगवा DRG जवान की हत्या:बीजापुर में SI मुरली ताती की नक्सलियों ने गला घोंटकर हत्या की, देर रात सड़क किनारे फेंका शव

बीजापुर3 वर्ष पहले
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अगवा किए गए DRG के SI मुरली ताती की नक्सलियों ने हत्या कर दी। - Dainik Bhaskar
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अगवा किए गए DRG के SI मुरली ताती की नक्सलियों ने हत्या कर दी।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अगवा किए गए DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप ) के SI मुरली ताती की नक्सलियों ने शुक्रवार देर रात हत्या कर दी। उनका शव सड़क किनारे फेंक कर नक्सली भाग निकले। SI मुरली ताती को 3 दिन पहले नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। नक्सलियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन ने जवान की हत्या करने की जिम्मेदारी ली है। वहीं वारदात की पुष्टि IG सुंदरराज पी. ने की है। मामला गंगालूर थाना क्षेत्र का है।

DRG के SI मुरली ताती की नक्सलियों ने पुलसुम पारा के पास हत्या की है। इसके बाद उनके शव को देर रात एड्समेटा के पेददा पारा में फेंक कर नक्सली भाग गए। शव के ऊपर पर्चा भी नक्सलियों ने रखा है। इसमें जवान को मारने के पीछे उसका फोर्स के साथ काम करना और मुठभेड़ के दौरान PLGA के नक्सलियों को मारना कारण बताया है। SI मुरली ताती साल 2006 से DRG में पदस्थ थे और लगातार काम कर रहे थे।

नक्सलियों ने 21 अप्रैल की शाम पालनार से किया था जवान को अगवा
डिस्ट्रीक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG) SI मुरली ताती जगदलपुर स्थित पुलिस लाइन में पदस्थ थे और करीब डेढ़ महीने से इलाज के लिए छुट्‌टी पर चल रहा थे। वह बुधवार (21 अप्रैल) को गंगालूर क्षेत्र के पालनार में मेले में शामिल होने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वहीं से शाम करीब 4 बजे नक्सली उन्हें अगवा कर ले गए। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल रहा था। करीब दो साल पहले ही जवान का ASI से प्रमोशन हुआ था।

पत्नी ने कहा था- उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं, पति को छोड़ दें
जवान की पत्नी मैनु ताती ने नक्सलियों से अपील की थी कि उनके पति का तीन साल से मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। मैं परेशान हूं कि अपने पति का कहीं अच्छी जगह इलाज कराऊं। मैनु ताती ने बताया था कि एक दिन उनके पति ने बाथरूम जाने की बात कही और घर से बाहर निकले। तीन दिनों तक परेशान होने के बाद पता चला कि बीजापुर में उनका अपहरण हो गया है। मेरी नक्सलियों से अपील है कि मेरे पति को वे छोड़ दें।

गोंडवाना समाज ने जवान को छोड़ने के लिए मध्यस्थता की बात कही थी
दूसरी ओर गोंडवाना समाज ने जवान को छुड़ाने की पहल की थी। उनका एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को नक्सलियों के आधार क्षेत्र में जाने वाला था। गोंडवाना समाज समन्वय समिति की ओर से कहा गया था कि जवान के तीन छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। उनके भविष्य को देखते हुए नक्सलियों से जवान की रिहाई की अपील समाज करेगा। इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल बात करने के लिए नक्सलियों के आधार क्षेत्र में जाएगा।

पहले भी CRPF जवान और 3 महिलाओं को किया था अगवा

इससे पहले 3 अप्रैल को जोनागुड़ा में फोर्स और नक्सलियों की मुठभेड़ के बाद CRPF जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था। 6 अप्रैल को नक्सलियों के बताए जाने के बाद पद्मश्री धर्मपाल सैनी सहित अन्य लोगों की मध्यस्थता से अपहृत जवान को 8 अप्रैल को मुक्त कराया गया। इसके बाद उसी रात मितानिन ट्रेनर सहित 3 महिलाओं का अपहरण कर लिया था। हालांकि, अगले दिन नक्सलियों ने तीनों महिलाओं को छोड़ दिया।

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