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इतिहास में आज:देश को आज मिले थे 12वें प्रधानमंत्री, इंद्र कुमार गुजराल को नींद से जगा कर बोला गया- उठिए, आपको PM बनना है

3 वर्ष पहले
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साल 1997। देश में एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार चल रही थी। इस सरकार को कांग्रेस ने समर्थन दे रखा था, लेकिन देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के 10 महीने बाद ही कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया। सरकार गिर गई। इसके बाद प्रधानमंत्री पद के लिए कई लोग दावेदारी ठोकने लगे। सरकार बनाने के लिए फिर से गठबंधन दलों ने बैठक की। बैठक में फैसला हुआ कि इंद्र कुमार गुजराल को प्रधानमंत्री बनाया जाए। बैठक के समय गुजराल अपने घर पर सो रहे थे। गठबंधन के नेता उनके घर पहुंचे और गुजराल को जगाकर बोले - उठिए, अब आपको प्रधानमंत्री बनना है। 21 अप्रैल 1997 को गुजराल ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस तरह देश को अपना 12वां प्रधानमंत्री मिला।

इंद्र कुमार गुजराल का जन्म 4 दिसंबर 1919 को पाकिस्तान के पंजाब के झेलम में हुआ था। गुजराल के माता-पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। पढ़ाई-लिखाई में गुजराल बचपन से ही आगे थे। उन्होंने एमए, पीएचडी और डीलिट की उपाधि प्राप्त की थी। 26 मई 1945 को उन्होंने शीला गुजराल से विवाह किया। 30 नवंबर 2012 को लंबी बीमारी के बाद इंद्र कुमार गुजराल का निधन हो गया।

1 लाख 70 हजार भारतीयों को ‘एयरलिफ्ट’ किया

वीपी सिंह और चंद्रशेखर, दोनों के प्रधानमंत्रित्व काल में गुजराल विदेश मंत्री थे। गुजराल जब विदेश मंत्री थे, उस वक्त इराक और कुवैत के बीच खाड़ी युद्ध भड़क उठा। इस दौरान उन्होंने वहां फंसे 1 लाख 70 हजार भारतीयों को विमान द्वारा सुरक्षित देश वापस लाने में सफलता पाई। अपनी तरह का ये अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जाता है। इस ऑपरेशन पर बाद में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ बनी। प्रधानमंत्री बनने से पहले भी गुजराल, देवगौड़ा सरकार में विदेश मंत्री थे।

संजय गांधी से विवाद

आपातकाल के दौरान गुजराल सूचना और प्रसारण मंत्री थे। इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने गुजराल को आदेश दिया कि आकाशवाणी में पढ़ी जाने वाली खबरों को सेंसर किया जाए, लेकिन गुजराल ने इस आदेश को मानने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों में अनबन हुई और अगले ही दिन गुजराल के हाथों से सूचना और प्रसारण मंत्रालय छीन लिया गया।

21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु में ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी का निधन हुआ था।
21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु में ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी का निधन हुआ था।

2013- ‘सुपर कम्प्यूटर’ का निधन

यदि आपको बिना पेन-कॉपी या कैलकुलेटर के 13 अंक वाले 2 नंबरों का गुणा करने को कहा जाए तो आप कर पाएंगे? आप में से ज्यादातर लोगों को जवाब नहीं होगा। लेकिन ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी ने ये काम केवल 28 सेकेंड में कर दिखाया था। इसी वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

4 नवंबर साल 1929 के दिन कन्नड़ परिवार में जन्मीं शकुंतला देवी के पिता सर्कस में करतब दिखाते थे। शकुंतला की इस विलक्षण प्रतिभा को उनके पिता ने तीन साल की उम्र में ही पहचान लिया था जब शकुंतला उनके साथ ताश खेल रही थीं। जब वे पांच साल की हुईं तो गणित के सवालों को आसानी से हल करने लगीं।

1977 में यूनिवर्सिटी ऑफ डलास में शकुंतला देवी को 201 का 23वां रुट कैलकुलेट करने को दिया गया। उन्हें जब इतना कठिन सवाल हल करने को दिया गया तो पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया। 50 सेकेंड बाद सबको हैरान करते हुए शकुंतला देवी ने सवाल को हल कर दिया।

शकुंतला देवी ने 1960 में परितोष बनर्जी से शादी की। उनकी एक बेटी हुई जिसका नाम अनुपमा बनर्जी है, लेकिन परितोष बनर्जी की होमोसेक्शुअलिटी का खुलासा होने पर जल्द ही शादी टूट गई। उन्होंने वर्ष 1977 में दी ‘वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्शुअल्स’ किताब लिखी जिसे भारत में समलैंगिकता पर पहली किताब कहा जाता है।

शकुंतला देवी का 83 वर्ष की आयु में 21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु में निधन हो गया। जुलाई 2020 में इनकी बायोपिक ‘शकुंतला देवी’ को रिलीज किया गया जिसमें विद्या बालन ने इनका किरदार निभाया था।

1938 में आज ही के दिन "सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा" लिखने वाले उर्दू भाषा के मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल का पाकिस्तान के लाहौर में निधन हुआ था।
1938 में आज ही के दिन "सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा" लिखने वाले उर्दू भाषा के मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल का पाकिस्तान के लाहौर में निधन हुआ था।

इतिहास में और किन-किन वजहों से 21 अप्रैल को याद किया जाता है-

2008: भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं के बीच तीसरा साझा अभ्यास गोवा के निकट कोंकण में शुरू हुआ।

1996: भारतीय वायु सेना के संजय थापर को पैराशूट के जरिए उत्तरी धुव्र पर उतारा गया।

1987: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए बम धमाके में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई।

1977: मेजर जनरल जियाउर्रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने।

1926: महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का जन्म। 1952 में एलिजाबेथ ग्रेट ब्रिटेन की रानी बनाई गईं।

1924: कर्णी सिंह का जन्म। वे भारत के पहले निशानेबाज थे, जिन्हें 1961 में अर्जुन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था।

1910: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और उड़ीसा के 5वें मुख्यमंत्री सदाशिव त्रिपाठी का जन्म।

1891: भारतीय रिजर्व बैंक के पहले उप-गवर्नर जेम्स ब्रेड टेलर का जन्म।

1526: मुगल शासक बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई, जिसमें इब्राहिम लोदी मारे गए थे।

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