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इतिहास में आज:बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी का निधन हुआ, उनकी अंतिम फिल्म पाकीजा को बनने में लगे थे 16 साल

3 वर्ष पहले
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आज ही के दिन 1972 में एक्ट्रेस मीना कुमारी का महज 39 साल की उम्र में निधन हुआ था। फरवरी 1972 में मीना कुमारी की फिल्म 'पाकीजा' रिलीज हुई। इसके कुछ दिन बाद ही वो बीमार पड़ गईं। उनके लिवर में दिक्कत थी। कहते हैं कि इसकी वजह उनका जरूरत से ज्यादा शराब पीना था। उनकी ये बीमारी जानलेवा साबित हुई ।

मीना कुमारी ने बैजू बावरा, दिल अपना और प्रीत पराई, भाभी की चूड़ियां, मेरे अपने, बहू बेगम जैसी दर्जनों कामयाब फिल्में की थीं। उन्हें बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन कहा जाता था। महज 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने से 15 साल बड़े शादीशुदा कमाल अमरोही से शादी की। ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली। आठ साल बाद दोनों का तलाक हो गया। कुछ साल बाद 1964 में दोनों ने फिर से शादी की। कहते हैं, इसी के बाद मीना कुमारी को शराब की लत लगी।

कमाल अमरोही ने ही मीना कुमारी के साथ मिलकर अपनी ड्रीम फिल्म 'पाकीजा' बनाई। इसे बनाने में ही 16 साल लग गए थे। 'पाकीजा' रिलीज होते ही दर्शकों के मन को भा गई, लेकिन 126 मिनट की इस फिल्म की कामयाबी देखने के लिए मीना कुमारी 126 दिन भी जिंदा नहीं रहीं।

दलाई लामा भारत आए और यहीं रह गए

1959 में आज ही के दिन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बत की राजधानी ल्हासा से भारत पहुंचे थे। दरअसल, मार्च 1959 में खबर फैली कि चीन दलाई लामा को बंधक बनाकर बीजिंग ले जाने वाला है। इसके बाद तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 10 मार्च 1959 से चीन के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया।

करीब 30,000 लोग चीनी सेना को रोकने के लिए इंसानी दीवार बनाकर दलाई लामा के महल के बाहर जमा हो गए। चीनी सेना को लोगों को हटाने के लिए तोप और मशीन गन तक लगानी पड़ी। लोगों को बुरी तरह मारा-पीटा गया। दलाई लामा के बॉडीगार्ड्स को मार दिया गया। कई दिन चले संघर्ष के बाद जब चीनी सेना महल में दाखिल हुई, तब तक दलाई लामा वहां से भाग चुके थे। 17 मार्च को 20 शिष्यों के साथ ल्हासा छोड़ने के 15 दिन बाद वो भारत पहुंचे। भारत ने उन्हें राजनीतिक संरक्षण दिया। तब से आज तक वो भारत में ही हैं।

1990 में आज ही के दिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिला था।
1990 में आज ही के दिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान मिला था।

अंबेडकर को भारत रत्न

डॉ. भीमराव अंबेडकर को 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था। अंबेडकर का निधन छह दिसंबर 1956 को हुआ था। डॉ. अंबेडकर ने भारत की आजादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। वो जीवनभर सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ते रहे। भारत के संविधान की रचना में उनका अहम रोल था।

लंदन में पोल टैक्स के खिलाफ सौ साल का सबसे बड़ा प्रदर्शन

1990 में आज ही के दिन पोल टैक्स यानी प्रति व्यक्ति कर के खिलाफ लंदन में विरोध प्रदर्शन किया गया था। विरोध करने के लिए करीब 70 हजार लोग सड़क पर थे। सौ साल के इतिहास में विरोध प्रदर्शन की ये सबसे बड़ी घटना थी। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 113 लोग घायल हुए थे। करीब 340 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

1980 में आज ही के दिन महान अमेरिकी एथलीट जेसी ओवंस का 66 साल की उम्र में निधन हुआ। ओवंस ने 1936 के बर्लिन ओलिंपिक खेलों में अपने देश के लिए चार स्वर्ण पदक जीते थे।
1980 में आज ही के दिन महान अमेरिकी एथलीट जेसी ओवंस का 66 साल की उम्र में निधन हुआ। ओवंस ने 1936 के बर्लिन ओलिंपिक खेलों में अपने देश के लिए चार स्वर्ण पदक जीते थे।

31 मार्च को देश-दुनिया में हुई अन्य घटनाएं-

2004: अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में एक नाइट क्लब में आग लगने से 175 लोगों की मौत।

1983: कोलंबिया के पोपायान में आए भूकंप से सैकड़ों लोगों की जान गई।

1981: एक घरेलू विमान का अपहरण करने वाले इंडोनेशिया के पांच आतंकियों में से चार को थाइलैंड के बैंकॉक में मार गिराया गया। विमान में सवार सभी 55 लोग सुरक्षित रहे। आतंकियों ने इंडोनेशिया की जेलों में बंद 80 लोगों को रिहा करवाने के लिए 28 मार्च को विमान का अपहरण किया था और उसे बैंकॉक ले गए थे।

1889: पेरिस का मशहूर एफिल टावर आधिकारिक तौर पर खुला। 324 मीटर ऊंचे इस टावर को देखने के लिए हर साल 70 लाख से ज्यादा लोग आते हैं।

1945: लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मीरा कुमार का जन्म हुआ।

1938: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का जन्म हुआ।

1870: अमेरिका में पहली बार किसी अश्वेत नागरिक ने वोट दिया। अमेरिकी संविधान के 15वें संशोधन के बाद न्यूजर्सी के थॉमस पेटर्सन-मुंडी वोट करने वाले पहले अश्वेत थे।

1865: देश की पहली महिला डॉक्टर आनंदी बाई जोशी का जन्म हुआ। जोशी 1886 में वेस्टर्न मेडिसिन में डिग्री हासिल करने वाली पहली महिला बनी थीं।

1774: बंगाल के गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में देश का पहला प्रधान डाकघर बनवाया। 1 अक्टूबर 1854 को तत्कालीन वॉयसराय लार्ड डलहौजी ने डाक सेवा का केंद्रीकरण किया।

1504: सिखों के गुरु अंगद देव जी का जन्म हुआ। वह गुरुनानक देव जी के बाद सिखों के दूसरे गुरु थे।

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