DNA ANALYSIS: दिल्‍ली की हरिजन बस्‍ती में दहशत का खेल, चुप क्‍यों हैं दलित नेता?
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DNA ANALYSIS: दिल्‍ली की हरिजन बस्‍ती में दहशत का खेल, चुप क्‍यों हैं दलित नेता?

17 मार्च को इसी बस्ती में अनुसूचित जाति के एक लड़के ने दूसरे संप्रदाय की लड़की से शादी की. कालीन नीली छतरी मंदिर में जा कर दोनों ने शादी की. आरोप है कि इस बात से नाराज होकर संप्रदाय विशेष के लोगों ने बस्ती पर हमला कर दिया. 

DNA ANALYSIS: दिल्‍ली की हरिजन बस्‍ती में दहशत का खेल, चुप क्‍यों हैं दलित नेता?

नई दिल्‍ली: आज हम आपको दिल्ली के सराय काले खान से आई एक खबर के बारे में बताएंगे, जो नेताओं की राजनीति के मेन्‍यू से गायब है और पिछले 4 दिनों से ऐसे नेताओं को दिल्ली के सराय काले खां के लोग ढूंढ रहे हैं. सराय काले खां के अनुसूचित जाति की बस्ती के एक लड़के ने एक मुस्लिम लड़की से कोर्ट में शादी कर ली. ये बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई और इन लोगों ने 20 मार्च 2021 को बस्ती पर हमला कर दिया.

क्‍या है पूरा मामला?

हिंसा फैलाने आए लोगों ने गाड़ियों को तोड़ा, लोगों के घरों पर पत्थरों और नुकीले हथियारों से हमला किया, गली के दोनों ओर साइकिल, कूलर, सीढ़ी सबको नुकसान पहुंचाया गया और कई लोगों को बुरी तरह पीटा भी गया. शादी के बाद से लड़का और लड़की दोनों डर के साये में जी रहे थे. मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने बस्ती में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात करने का ऑर्डर दिया है. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एससी-एटी एक्ट में मामला दर्ज करने का भी आदेश दिया है. हालांकि अब भी वहां तनाव का माहौल है. आज हमने इस पूरे मामले की पड़ताल की है और आपके लिए एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है.

हमले का सीसीटीवी फुटेज 

20 मार्च को दिल्ली के सराय काले खां में अनुसूचित जाति की बस्ती पर हमला हुआ था. हमले की सीसीटीवी फुटेज में एक हिंसक समूह़, उत्पात मचाता हुआ दिख रहा है. गली के बाहर जो सामान था, ये लोग साइकिल, कूलर, सीढ़ी, गाड़ी सबको गिराते गए. घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी की.

दहशत के साये में जी रहे लोग 

यहां के लोगों ने बताया कि कुछ लोग आए और फिर हल्‍ला करने लगे. गली में जो-जो दिख रहा था, सबको तोड़ फोड़ दिया. उनके हाथ में तलवारें, पिस्तौल और चाकू थे. 20 मार्च को यहां के लोगों के साथ हिंसक घटना हुई थी, लेकिन अब तक अनुसूचित जाति का रक्षक बताने वाला एक भी नेता इनकी बस्ती में न ही आया, न ही उन नेताओं के फोन कॉल आए. ये जानते हुए भी कि बस्ती दिल्ली में ही है. यहां के लोगों का कहना है कि जो बोलते हैं हम वहां खड़े हैं, जहां बड़े मसले हैं तो आज यहां पर इतना बड़ा मामला हो चुका है. लेकिन वो अभी तक नहीं आए हैं. यहां तक कि कॉल तक नहीं आया है. जबकि वैसे तो ये लोग कहते हैं कि हम दलितों के साथ हैं, उनके रखवाले हैं.

कहां हैं दलित नेता?

यहां रहने वाले आशीष कुमार ने ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि इन 4 दिनों में इनका भरोसा उन सभी नेताओं से उठ चुका है जो खुद को दलितों का नेता बताते हैं. उन्‍होंने भीम आर्मी के चंद्रेशखर आजाद का भी नाम लिया और कहा कि वह खुद को भीम आर्मी बताते हैं, लेकिन वो आर्मी अब तक दिखी नहीं है. हमारी आर्मी हिंदुस्तान की आर्मी है, बस वही हमारे यहां खड़ी है, हमारी रक्षा के लिए.

लोग ये सवाल कर रहे हैं कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दलित-मुस्लिम गठबंधन के पैरोकार असदुद्दीन ओवैसी और खुद को दलितों के नेता बताने वाले कांग्रेस के उदित राज कहां हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि इन नेताओं को सराय काले खां की इस कहानी के बारे में कुछ पता ही न हो?

स्वघोषित दलित नेताओं से हमारी अपील है कि सराय काले खां में अनुसूचित जाति की बस्ती पर हमले की घटना को ध्यान से देखें और महसूस करें. 

प्रेम विवाह के बाद बस्‍ती में हिंसा

यहां रहने वाली 57 वर्षीय कौशल्या ताई दिल्ली महापालिका में सफाईकर्मी हैं. 20 मार्च की रात हमलावरों ने इन्हें भी नहीं छोड़ा. कौशल्या ताई के पेट पर तलवार से हमला किया और पैर पर पत्थर से.

कौशल्या ताई के मुताबिक, बस्ती में हिंसा की वजह प्रेम विवाह है. 17 मार्च को इसी बस्ती में अनुसूचित जाति के एक लड़के ने दूसरे संप्रदाय की लड़की से शादी की. कालीन नीली छतरी मंदिर में जा कर दोनों ने शादी की. आरोप है कि इस बात से नाराज होकर संप्रदाय विशेष के लोगों ने बस्ती पर हमला कर दिया. शादी पर आगे की कहानी सुनाते हुए लड़के की मां ने कहा कि  इन दोनों की शादी कोर्ट से हो गई है. सारे कागज पक्के हैं. पुलिस ने घर तक ड्रॉप किया. सबकुछ अच्छा हुआ, लेकिन लड़की का भाई धमकी दे रहा है कि जिस दिन भी यहां लड़की-लड़का आ गए, उस दिन वो उन्‍हें जान से मार देगा. 

प्रशासन से सुरक्षा की अपील 

शादी के बाद से लड़का और लड़की दोनों डर के साये में जी रहे हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि बस्ती में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं. इससे बस्ती के लोग राहत की सांस ले रहे हैं. 20 मार्च की रात लड़के के घर पर भी हमलावरों ने उत्पात मचाया था. लड़का और लड़की ने प्रशासन और सरकार से अपनी और अपने परिवार की हिफाजत की अपील की है जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अब पीड़ित परिवार के घर और आस-पास 10-10 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.

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