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LNMU का हाल, एक छात्र को 2-2 परीक्षाओं में दिए कम नंबर, RTI से खुलासे के बाद मांगी माफी

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दरभंगा के मिथिला विश्वविद्यालय में सामने आया छात्रों के रिजल्ट से खिलवाड़ करने का मामला. स्नातक की दो परीक्षाओं में एक छात्र को कम नंबर देने से विश्वविद्यालय की हुई किरकिरी. RTI से हुए खुलासे के बाद LNMU ने मान...और पढ़ें

LNMU का हाल, छात्र को 2-2 परीक्षाओं में दिए कम नंबर, खुलासे के बाद मानी गलती
सीएम साइंस कॉलेज के छात्र के रिजल्ट में गड़बड़ी से LNMU की कारगुजारी हुई उजागर.

दरभंगा. उत्तर बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक दरभंगा का ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय अपने काम-काज से ज्यादा ‘कारनामों’ के लिए चर्चा में रहता है. इन दिनों यूनिवर्सिटी में एक अजीब मामला फिर चर्चा में है. दरअसल, विश्विविद्यालय के नामी-गिरामी सीएम साइंस कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र को बीएससी की दो परीक्षाओं में सभी प्रश्नों के सही जवाब देने के बाद भी कम नंबर दिए गए. सूचना के अधिकार के तहत इस छात्र ने दोनों ही साल जब अपना रिजल्ट सुधरवाने का दावा किया, तो यूनिवर्सिटी को परीक्षा परिणाम में सुधार करना पड़ा. स्नातक पार्ट-2 और पार्ट-3 की परीक्षाओं में छात्र की कॉपियों में सही जवाब के बदले कम नंबर दिए जाने का मामला जब तूल पकड़ने लगा, तो अब विश्विविद्यालय ने माफी मांगी है. साथ ही कॉपी जांच करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

सीएम साइंस कॉलेज के छात्र रूपेश कुमार मिश्रा ने विश्विविद्यालय की इस हरकत को देखते हुए उस पर पैसे लेकर टॉपर बनाने का आरोप लगाया है. साथ ही यह भी कहा है कि जान-बूझकर उसकी कॉपी में सही जवाब के बाद भी कम नंबर दिए गए और टॉपर बनने से रोका गया. पीड़ित छात्र ने न्याय के लिए अदालत जाने की धमकी दी है. इधर, छात्र के आरोपों पर LNMU के परीक्षा नियंत्रक ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि जिसने भी रूपेश की कॉपी की गलत जांच की, उस प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जो भी छूटे नंबर थे, वह छात्र के परीक्षाफल में जोड़ दिया गया है. रजिस्ट्रार ने यह भी कहा कि पुनर्मूल्यांकन का सिस्टम या नियम नहीं होने के कारण छात्र के कॉपी की जांच दोबारा नहीं की जा सकती है. पैसे लेकर टॉपर बनाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह एक महज संयोग है कि एक ही छात्र के साथ दोनों वर्ष ऐसी घटना हो गई.

यह है पूरा मामला

रूपेश कुमार मिश्रा दरभंगा में सीएम साइंस कॉलेज से भौतिकी विज्ञान में स्नातक कर रहा है. 2019 में हुई पार्ट-2 की परीक्षा में रूपेश को मनचाहा रिजल्ट नहीं मिला, तो उसने कॉपी देखने के लिए RTI आवेदन डाला. 4000 रुपए शुल्क जमा करने के बाद जब रूपेश ने अपनी कॉपी देखी तो वह हैरान रह गया. रूपेश ने सभी सवालों के जवाब सही लिखे थे, लेकिन 20 नंबर वाले एक प्रश्न में कॉपी जांच करने वाले शिक्षक ने कोई अंक दिया ही नहीं था. मामला सामने आया तो विश्वविद्यालय ने तत्काल 20 नंबर के सवाल के बदले रूपेश के प्राप्तांक में 12 नंबर और जोड़ दिए.

लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. रूपेश के साथ एक साल बाद फिर यही घटना हुई. वर्ष 2020 में हुई स्नातक पार्ट-3 फाइनल ईयर की परीक्षा में भी रूपेश के रिजल्ट में ऐसी ही गड़बड़ी हुई. एक बार फिर छात्र ने 4000 रुपए का शुल्क देकर RTI लगाया और अपनी कॉपी निकलवाई. इस बार भी रूपेश की कॉपी में वही घटना दोहराई गई थी. परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्नों के जवाब रूपेश ने दिए थे. कॉपी जांच करने वाले ने एक प्रश्न के अंक छोड़कर बाकी प्रश्नों के अंक जोड़कर रिजल्ट दे दिया था. रूपेश को लगा कि उसे कम से कम 5 अंकों का नुकसान हुआ है. तब रूपेश ने आवाज उठाई है

सामने आई गलती तो LNMU ने मांगी माफी

एक छात्र के साथ लगातार दो परीक्षाओं में एक ही जैसी गलती के सामने आने के बाद मिथिला यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तत्काल गलती मान ली. छात्र के छूटे नंबर जोड़कर उसका रिजल्ट जारी कर दिया गया. इधर, छात्र रूपेश ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसे जान-बूझकर एक साजिश के तहत कम नंबर दिए गए, ताकि वह टॉपर न बन सके. उसने यूनिवर्सिटी की इस गलती को लेकर अदालत जाने की बात कही है.

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