मोदी के चलते भारतीय नौका लौटाने को पाक हुआ राजी
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही पहल का नतीजा है कि पाकिस्तान से भारतीय मछुआरों की जब्त नौकाओं को लौटाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। वहां से मई में रिहा हुए 150 से अधिक मछुआरों की 57 नौकाएं सितंबर में मरम्मत कर लौटा दी जाएंगी। मछुआरों की नावों की वापसी का मुआयना करने गुजरात से गई विशेष टीम के द
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही पहल का नतीजा है कि पाकिस्तान से भारतीय मछुआरों की जब्त नौकाओं को लौटाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। वहां से मई में रिहा हुए 150 से अधिक मछुआरों की 57 नौकाएं सितंबर में मरम्मत कर लौटा दी जाएंगी। मछुआरों की नावों की वापसी का मुआयना करने गुजरात से गई विशेष टीम के दौरे के बाद पाक इनकी मरम्मत कर वापस देने को राजी हो गया है। नावों को वापस लेने से पहले इनके आकलन को मछुआरा समुदाय का दल अगस्त में फिर पाक जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मछुआरों के मुद्दे पर मोदी के विशेष ध्यान देने के बाद गुजरात की मुख्यमंत्री सक्रिय हुईं। उन्होंने इस कड़ी में बीते दिनों एक दल पाक भेजा था। गुजरात से गए इस नौ सदस्यीय दल ने 18-20 जुलाई के बीच पाक समुद्री निगरानी एजेंसी द्वारा पकड़ी गई नावों का निरीक्षण किया।
महत्वपूर्ण है कि मई में भारतीय प्रधानमंत्री के शपथ समारोह में आने से पहले पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दोस्ती का अंदाज दिखाते हुए 157 भारतीय मछुआरों की रिहाई के आदेश दिए थे। हालांकि मछुआरे तो छोड़ दिए गए, लेकिन उनकी नौकाएं पाक के ही कब्जे में थी। यह पहला मौका होगा, जब पाक समुद्री निगरानी एजेंसी भारतीय मछुआरों की रिहाई के बाद उनकी नौकाएं भी उन्हें लौटाएगी।
पाक विदेश विभाग के मुताबिक, नवाज शरीफ सरकार ने भारतीय मछुआरों को रिहा करने के बाद उनकी 57 नौकाओं को भी छोड़ने का फैसला लिया। इस कड़ी में भारत से मुआयने को आए दल से बातचीत के बाद नौकाओं को मरम्मत कर लौटाने का फैसला लिया गया। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, मरम्मत में करीब एक माह का समय लगेगा। नावों की स्थिति के बारे में आश्वस्त होने के लिए भारतीय मछुआरों का दल अगस्त में फिर पाक जाएगा।
पाक अधिकारियों के मुताबिक, शरीफ के आदेश के बाद ताबड़तोड़ हुए प्रयासों के तहत भारतीय मछुआरों की नौकाएं उनके मालिकों को लौटाने का फैसला लिया गया। इसी कड़ी में उनकी पहचान करने को भारतीय दल को बुलाया गया था।
गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे मोदी तटीय इलाके के मछुआरों की दिक्कतों को अच्छी तरह समझते हैं। लिहाजा सत्ता संभालने के बाद शरीफ के साथ बातचीत में भी उन्होंने मछुआरों की समस्या का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए इसके समाधान की माकूल व्यवस्था बनाने पर जोर दिया था।
दोनों देशों के बीच खासतौर पर सरक्रीक क्षेत्र में समुद्री सीमा तय न होने के कारण कई बार दोनों ओर से मछुआरे एक-दूसरे के इलाकों में चले जाते हैं, जहां सुरक्षा एजेंसियां उन्हें पकड़ लेती हैं। इस समस्या के कारण दोनों तरफ के मछुआरों को अवैध तरीके से सीमा में प्रवेश के जुर्म में सजा भी काटनी पड़ती है।